एमपी विधानसभा चुनावः नाराज मतदाताओं ने मतदान बहिष्कार के बोर्ड टांगे

विधानसभा चुनाव आते ही अपनी समस्याओं का समाधान न होने से खफा दमोह विधानसभा के वार्ड वासी मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं। शहर के नया ...

एमपी विधानसभा चुनावः नाराज मतदाताओं ने मतदान बहिष्कार के बोर्ड टांगे

विधानसभा चुनाव आते ही अपनी समस्याओं का समाधान न होने से खफा दमोह विधानसभा के वार्ड वासी मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं। शहर के नया बाजार नंबर 4 ढिमरोला मोहल्ला और मरूताल गांव में मतदान बहिष्कार के बोर्ड टांगे गए हैं। ग्राम पंचायत आमचौपरा में भी पोस्टर टंगे हैं। 

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नया बाजार 4 क्षेत्र के लोग लंबे समय से पेयजल, सड़क, साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं। यहां पर नगर पालिका की पाइप लाइन तो बिछी है, लेकिन घरों तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जिससे लोगों को पेयजल के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। वार्ड की सड़कें जर्जर हालत में हैं। नालियां टूट गई हैं। साथ ही समय पर  साफ-सफाई नहीं हो रही है। यही वजह है कि इस क्षेत्र के लोगों ने इस बार विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है। जिसके चलते यहां रहने वाले लोगों ने मतदान बहिष्कार के बोर्ड लगा दिए हैं और अपने घरों के बाहर काले झंडे लगा लिए हैं। मुख्य सड़क पर मतदान के बहिष्कार का पोस्टर लगाया है जिसमें लिखा है कि वार्ड का विकास नहीं, सफाई, नाली, पेयजल व रोड नहीं होने से जनता परेशान है। इसलिए मतदान का बहिष्कार करते हैं। 

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स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारे वार्ड से जो पार्षद हैं, वह भी समस्याओं पर ध्यान नहीं देते। चुनाव जीतने के बाद कभी भी मोहल्ले में नजर नहीं आए। हमारे वार्ड में जो भी से जनप्रतिनिधि वोट मांगने आएंगे,  उनसे सबसे पहले यही सवाल  किया जाएगा कि हमारे वार्ड की उपेक्षा क्यों की जा रही है।  नंदू रैकवार ने बताया कि नालियां टूटी पड़ी हैं  सफाई भी नहीं होती सड़क पर कचरा फेंका जाता है। गंगा रैकवार, चंपा रैकवार ने बताया कि हमारे वार्ड में घर-घर पाइप लाइन तो डली है, लेकिन पानी नाममात्र का आता है। स्थानीय निवासी उषा रानी, रज्जीबाई , दीपा रैकवार ने बताया कि हमारे मोहल्ले की मुख्य सड़क 10  साल से नहीं बनी है। जिससे सड़क  पूरी तरह से उखड़कर उबड़-खाबड़  हो गई है। वार्ड  के अंदर ऑटो भी नहीं आ पाते हैं। 

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पाइप लाइन में पर्याप्त पानी नहीं आता दो से तीन कुप्पे भी नहीं भर पाते हैं। हम लोगों को यहां-वहां से पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। जबकि अन्य वाडों में एक-एक घंटे नल चलते रहते हैं। वार्ड पार्षद हरिशंकर चौधरी का कहना है कि मैं नगर पालिका में प्रस्ताव दे चुका हैं। लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही। इंजीनियर एवं कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे। टेंडर होने के छह माह बाद भी सड़कें नहीं बनाई गईं। पूरे वार्ड में केवल तीन सफाई कर्मचारी नियुक्त हैं। इसके अलावा मरूताल गांव में भी सड़क निर्माण न होने से ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार के बोर्ड गांव में लगाए हैं।
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