मप्र सरकार ने पेश किया पहली बार पेपरलेस बजट

मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 का वार्षिक बजट पेश किया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने टेबलेट..

मप्र सरकार ने पेश किया पहली बार पेपरलेस बजट

सरकार ने एक हजार 169 करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश किया  

मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 का वार्षिक बजट पेश किया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने टेबलेट के माध्यम से पेपरलेस बजट पेश करते हुए ऐलान किया कि आने वाले एक साल तक प्रदेश में कोई नया टैक्स नहीं लगाया जाएगा और न ही लगे हुए टैक्सों की दरों में बढ़ोतरी की जाएगी।  

मध्यप्रदेश सरकार का कुल बजट 2 लाख 41 हजार 375 करोड़ का है। इसमें व्यय का अनुमान 2 लाख 17 हजार 123 करोड़ रुपये है, जबकि कुल प्राप्तियों का अनुमान 2 लाख 15 हजार 954 करोड़ रुपये है। इस प्रकार सरकार ने एक हजार 169 करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश किया है।

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आने वाले एक साल तक प्रदेश में कोई नया टैक्स नहीं लगाया जाएगा  

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बताय कि वर्ष 2021-22 के लिए कुल विनियोग की राशि 2 लाख 41 हजार 375 करोड़ रुपये में राजस्व व्यय अंतर्गत 1 लाख 72 हजार 971 करोड़ तता पूंजीगत व्यय अंतर्गत 44 हजार 152 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।

सामाजिक-आर्थिक उत्थान योजनाओं के लिए समग्र रूप से बजट अनुमान 1 लाख 12 हजार 521 करोड़ है। इस वर्ष कुल प्राप्तियां 2 लाख 15 हजार 954 करोड़ तथा कुल व्यय दो लाख 17 हजार 123 करोड़ अनुमानित होने से वर्ष का शुद्ध लेन-देन एक हजार 169 करोड़ ऋणात्मक है एवं अंतिम शेष 5 हजार 465 करोड़ का अनुमान है।

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राजकोषीय स्थिति  

उन्होंने बताया कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटे की सामान्य सीमा 4 प्रतिशत प्रस्तावित है एवं ऊर्जा क्षेत्र में अपेक्षित सुधारों के करने पर अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत की सीमा स्वीकृत की जा सकेगी।

उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 50 हजार 938 करोड़ अनुमानित है, जो कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत है। इस वर्ष 8 हजार 293 करोड़ का राजस्व घाटा अनुमानित है। इसके अलावा 2021-22 में राज्य के राजस्व में 22 प्रतिशत की वृद्धि और राजस्व व्यय में 9 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है।

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राजस्व प्राप्तियां  

वित्त मंत्री ने बताया कि 14वें वित्त आयोग द्वारा राज्यों में बंटने वाले केन्द्रीय करों में से मध्यप्रदेश के लिए 7.548 प्रतिशत हिस्सेदारी तय की गई थी।

मप्र द्वारा 15वें वित्त आयोग को इस हिस्सेदारी को बढ़ाने के ज्ञापन के माध्यम से ठोस तर्क प्रस्तुत किये गये थे। इसलिए 15वें वित्त आयोग द्वारा वर्ष 2020-21 से वर्ष 2025026 की अवधि के लिए हमारी हिस्सेदारी बढ़ाकर 7.85 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इस बढ़ोतरी से वर्ष 2021-22 में मप्र को केन्द्रीय करों की लगभग 2 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि प्राप्त होना अनुमानित है। 

उन्होंने बताया कि 2021-22 में कुल राजस्व प्राप्तियों का बजट अनुमान 1 लाख 64 हजार 677 करोड़ है। इसमें राज्य करों से 64 हजार 914 करोड़ और केन्द्रीय करों से 52 हजार 247 करोड़ रुपये की प्राप्तियां अनुमानित हैं। कर भिन्न राजस्व प्राप्तियां 11 हजार 742 करोड़ तथा केन्द्र सरकार से सहायक अनुदान अंतर्गत प्राप्तियां 35 हजार 774 करोड़ अनुमानित है।

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पुनरीक्षित अनुमान 2020-21  

पुनरीक्षित अनुमान के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां 1 लाख 37 हजार 169 करोड़ तता राजस्व व्यय 1 लाख 58 हजार 545 करोड़ अनुमानित है। कोविड-19 महामारी के कारण राज्य शासन की राजस्व प्राप्तियों में भारी गिरावट आई है।

राजस्व घाटे का पुनरीक्षित अनुमान 21 हजार 376 करोड़ अनुमानित है, जो कि जी.एस.डी.पी. का 2.25 प्रतिशत होगा। राजकोषीय घाटे का पुरीक्षित अनुमान 52 हजार 266 करोड़ है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 5.51 प्रतिशत है।

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हि.स

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