महोबा ने मारी बाजी, पहली बार मिला कायाकल्प अवार्ड 

स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिले को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है, जनपद की किसी स्वास्थ्य इकाई को पहली बार कायाकल्प अवार्ड से नवाजा गया है वित्तीय वर्ष 2019-20 के कायाकल्प अवार्ड...

महोबा ने मारी बाजी, पहली बार मिला कायाकल्प अवार्ड 

जैतपुर पीएचसी ने 78.3 प्रतिशत अंक हासिल कर दिलाया अवार्ड   
स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिले को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। जनपद की किसी स्वास्थ्य इकाई को पहली बार कायाकल्प अवार्ड से नवाजा गया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के कायाकल्प अवार्ड योजना के तहत जैतपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को जनपद में पहला स्थान मिला है। पीएचसी ने 78.3 प्रतिशत अंक हासिल किए है। इस उपलब्धि पर सीएमओ डा. एमके सिन्हा ने पूरी टीम की सराहना की है। 

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मध्य प्रदेश की सीमा से सटे होने की वजह से न सिर्फ यूपी के लोग यहां इलाज के लिए आतें हैं, बल्कि सीमावर्ती मध्य प्रदेश के कई गांवों से मरीज यहां आते हैं। सीएमओ डा. सिन्हा ने बताया कि 70 प्रतिशत अंक आने पर किसी स्वास्थ्य इकाई को अवार्ड के लिए चुना जाता है। जैतपुर ने 78.3 अंक हासिल करके जनपद का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि अवार्ड के रूप में दो लाख रुपए मिले हैं। इस धनराशि का 75 फीसदी गैप क्लोजर, सुदृढ़ीकरण, रख-रखाव, स्वच्छता व्यवस्था इत्यादि में खर्च किया जाएगा। शेष 25 प्रतिशत राशि पीएचसी में तैनात स्टाफ को इंसेंटिव के रूप में दी जाएगी। 

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नोडल अधिकारीध्एसीएमओ डा. सुरेंद्र  प्रसाद ने कहा कि जिले के लिए यह पुरस्कार मिलना सम्मान की बात है। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के निर्देशन में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं  कि अन्य चिकित्सा इकाइयां भी बेहतर काम करें। उन्होंने कहा कि इस अवार्ड के लिए मंडलीय परियोजना प्रबंधक आलोक कुमार, मंडलीय सलाहकार क्वालिटी एश्योरेंस डा. तरन्नुम सिद्दीकी, डीपीएम ममता अहिरवार, डीसीक्यूए डा. डीपी सिंह, डीएमएचसी मान सिंह, डीपीसी अमित मिश्रा व डा. योगिता शर्मा व डीएफपीएलएम जितेश सोनी व जैतपुर के बीसीपीएम शिवचरन पाल सहित पूरी टीम बधाई की पात्र है। 

तीन चरणों में होता है असेसमेंट

जिला सलाहकार क्वालिटी एश्योरेंस डा. दिवाकर प्रताप सिंह ने बताया कि कायाकल्प योजना के पुरस्कार के लिए तीन चरणों में असेसमेंट होता है।  पहले चरण में अस्पताल की आतंरिक टीम असेसमेंट करती है। इसमें 70 प्रतिशत से अधिक अंक मिलने पर दूसरे चरण के लिए मंडलीय असेसमेंट होता है। इसमें भी 70 फीसदी अंक मिलने पर राज्य स्तरीय तीन सदस्यीय टीम द्वारा 7 बिंदुओं के तीन सौ से अधिक चेक प्वाइंट पर असेसमेंट होता है। सबसे अधिक अंक पाने पर पुरस्कृत किया जाता है। प्रत्येक चिकित्सा इकाई को 70 प्रतिशत से अधिक अंक मिलने पर सांत्वना पुरस्कार के ले लिए चुना जाता है। 

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प्रशिक्षित स्टाफ रहता है मुस्तैद

सीएचसी प्रभारी डा. पीके सिंह का कहना है कि प्रशिक्षित स्टाफ  हर वक्त सेवा के लिए मौजूद है। तीन स्तरीय बैकेट सिस्टम से स्वच्छता का काम होता है। जिसमें दैनिक सफाई, साप्ताहिक और मासिक सफाई नियमानुसार होती  है। मरीज देखभाल वाले क्षेत्र में सफाई के दौरान झाड़ू का प्रयोग नहीं किया  जाता है। सूखे और गीले पौछे से सफाई होती है। विसंक्रमित किए गए उपकरण और ड्रेसिंग मैटेरियल ही प्रयोग में लाए जाते है  जिससे संक्रमण फैलने की संभावना न के बराबर होती है।

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