मानिकपुर सीट में मुख्य चुनाव अपना दल, सपा और बसपा के बीच

चित्रकूट जिले की मानिकपुर विधानसभा सीट का मतदान 27 फरवरी को होना है, लेकिन अभी से जहां जिस तरह से राजनीति में जातीय बिसात..

मानिकपुर सीट में मुख्य चुनाव अपना दल, सपा और बसपा के बीच

अनिल शर्मा (Anil Sharma)

  • अपना दल प्रत्याशी अपने व्यवहार के चलते ले सकता है बढ़त

चित्रकूट जिले की मानिकपुर विधानसभा सीट का मतदान 27 फरवरी को होना है, लेकिन अभी से जहां जिस तरह से राजनीति में जातीय बिसात बिछ चुकी है, इसके चलते यहां मुख्य मुकाबला अपना दल और भाजपा के संयुक्त प्रत्याशी अविनाश चंद्र द्विवेदी, सपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल और बसपा प्रत्याशी बलबीर पाल के बीच होता नजर आ रहा है।

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फिलहाल यह मुकाबला त्रिकोणीय दिखाई दे रहा है, लेकिन जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आती जाएगी वैसे-वैसे भाजपा के संयुक्त प्रत्याशी अविनाश चंद्र द्विवेदी बढ़त लेते हुए आगे निकल जाएंगे, इसकी पूरी संभावना है। फिलहाल विधानसभा क्षेत्र में कुल 10 प्रत्याशी हैं, मतदाताओं के लिए अपना दल एवं भाजपा के संयुक्त प्रत्याशी अविनाश चंद्र द्विवेदी, सपा के पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल, बसपा के प्रत्याशी बलवीर पाल तथा कांग्रेस की प्रत्याशी रंजना बाराती लाल पांडे ही मतदाताओं की नजर में मुख्य प्रत्याशी बने हुए हैं।

जातीय समीकरण की दृष्टि से देखें तो इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा दलित मतदाता हैं, जिनकी कुल संख्या लगभग 1 लाख 15 हजार के आसपास है। इसमें सबसे ज्यादा चौधरी समाज यानी अहिरवार और जाटव, दोहरे बिरादरी के लगभग 45 हजार मतदाता है। इसके अलावा कोल आदिवासी बिरादरी के लगभग 35 हजार मतदाता हैं। कोरी बिरादरी के 10 हजार, धोबी 8 हजार, खटीक 8 हजार, वाल्मीकि 8 हजार और पासी समाज के 6 हजार मतदाता हैं।

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जहां तक सवर्णों की बात की जाए तो इसमें सबसे ज्यादा ब्राह्मण मतदाता हैं। इनकी संख्या लगभग 55 हजार है। ठाकुरों की संख्या 12 से 15 हजार, वैश्यों की 17 हजार, जिसमें केशरवानी समाज के 5 हजार मतदाता हैं। इसी तरह कायस्थ बिरादरी के 4 हजार मतदाता हैं। अगर पिछड़े वर्ग की बात करें तो यहां पटेल जाति के 27 हजार, यादव बिरादरी के 25 हजार, पाल बिरादरी के 18 हजार, प्रजापति 18 हजार, निषाद 15 हजार, आरख 10 हजार, लोधी 8 हजार, कुशवाहा 7 हजार, राठौर 6 हजार, जायसवाल 5 हजार, लोहार बढ़ई 6 हजार, दर्जी 4 हजार, भड़भूंजा 5 हजार, कहार 3 हजार, सविता 3 हजार, सुनार 3 हजार के अलावा मुस्लिम मतदाता 15 से 18 हजार के बीच है।

 

क्योंकि ऐसी चर्चा जोरों पर है कि अपना दल और भाजपा के संयुक्त प्रत्याशी अविनाश चंद्र द्विवेदी क्षेत्र में पैसे वाले व्यक्ति हैं और यह भी चर्चा है कि छह लाख के इनामी रहे दस्यु सरगना शिव कुमार पटेल उर्फ ददुआ, जिसे पाठा बीहड़ क्षेत्र का बादशाह भी कहा जाता था, के आत्मीय रिश्ते अविनाश चंद्र द्विवेदी से रहे हैं। दूसरा, ददुआ का ऑपरेशन एरिया भी पाठा क्षेत्र यानी मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र रहा है। यहां ददुआ से प्रताड़ित लोगों की संख्या चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र से कहीं ज्यादा है। चर्चा यह भी है कि कहीं इन्हीं कारणों के चलते सपा के प्रत्याशी एवं दस्यु सरगना ददुआ के पुत्र पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल ने सपा का टिकट ठुकराते हुए मानिकपुर सीट से चुनाव न लड़ने का पिछले दिनों घोषणा कर दी थी।

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चर्चा यह भी है कि वीर सिंह पटेल असल में चित्रकूट सीट से ही चुनाव लड़ना चाहते थे, जहां से वह वर्ष 2012 में सपा से विधायक रह चुके हैं, लेकिन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उन्हें मानिकपुर सीट से ही चुनाव लड़ने का निर्देश दिया तो उन्हें अंततः मानना ही पड़ा। इसी तरह चित्रकूट में जहां पटेल जाति के 40 से 45 हजार मतदाता हैं तो वहीं मानिकपुर विधानसभा सीट में सिर्फ 27 हजार पटेल मतदाता हैं। दूसरा चित्रकूट सीट में जहां सपा के आधार वोट यादव मतदाता लगभग 65 हजार हैं तो वही मानिकपुर सीट पर यादव मतदाता की संख्या मात्र 25 हजार है। इसी तरह चित्रकूट में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 20 से 22 हजार है तो वही मानिकपुर सीट में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 15 से 18 हजार के बीच है। इसीलिए वीर सिंह पटेल का मन मानिकपुर की बजाए चित्रकूट से लड़ने को बार-बार करता रहा होगा।

इसीलिए वह पहले मानिकपुर सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे। जहां तक बसपा की बात है बसपा के प्रत्याशी बलबीर पाल आदिवासी और पाल वोटों के आधार पर चुनाव में जोर मारे हुए हैं, लेकिन चर्चा यह भी है कि अविनाश चंद्र द्विवेदी उर्फ लल्ली महाराज जोड़-तोड़ के हुनर के मामले में खासे विख्यात हैं तथा मौके पर लोगों की मदद करके उन्हें अपने पाले में खींच लेने की कला में वो माहिर बताए जाते हैं। आज भले ही यह मुकाबला त्रिकोणात्मक नजर आ रहा हो, लेकिन जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आती जाएगी, वैसे-वैसे चुनाव अविनाश चंद्र द्विवेदी की पकड़ में आता चला जाएगा और अंत में मुकाबला अपना दल के प्रत्याशी अविनाश चंद्र द्विवेदी व सपा के प्रत्याशी व पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल के बीच ही होता हुआ नजर आएगा। इसमें भी चुनाव जीतने की संभावना अपना दल प्रत्याशी की अधिक बताई जा रही है।

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