मास्क पहनने के कई फायदे, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जारी की गाइडलाइन 

कोरोना वायरस काल में मास्क पहनने के कई फायदे हैं, साथ ही इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं। मगर कुछ लोग मास्क पहनने के नुकसान को लेकर भ्रामक.

मास्क पहनने के कई फायदे, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जारी की गाइडलाइन 

कोरोना वायरस काल में मास्क पहनने के कई फायदे हैं। साथ ही इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं। मगर कुछ लोग मास्क पहनने के नुकसान को लेकर भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं। जबकि कैसा मास्क पहनना चाहिए। इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक गाइडलाइन जारी कर रखी है।

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मास्क से जुड़े तथ्य यहां पर बताने जा रहा हूं। इससे आप खुद को गलत जानकारी से दूर रखेंगे और पूरी सुरक्षा के साथ मास्क पहन सकेंगे। 

मास्क मिथ 1- क्या मास्क पहनने से शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है?

ऑक्सीजन का स्तर शरीर के लिए बहुत मायने रखता है। हां, यह सच है कि मास्क पहनने के बाद सांस लेने में थोड़ी दिक्कत महसूस हो सकती है।

मगर क्या यह घातक है? क्या यह ऑक्सीजन का स्तर घटा सकती है?
इस बारे में WHO की गाइडलाइन क्या कहती है..

लंबे समय तक मेडिकल मास्क / सर्जिकल मास्क पहनने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी या कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की मात्रा नहीं बढ़ती है। इसलिए आपको घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन जो लंबे समय तक यानी 4 घंटे से ज्यादा मास्क पहनते हैं, उनको थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी का मानना है कि अगर आप लगातार 4 घंटे तक मास्क पहने रह रहे हैं तो 15 मिनट के लिए उसे उतार दें। इससे आपको थोड़ी राहत मिलेगी। मगर मास्क को किसी भीड़भाड़ वाली जगह या सार्वजनिक स्थान पर न खोलें। एक्सपर्ट का मानना है कि थ्री प्लाय मास्क कभी भी इस तरह की समस्या को उत्पन्न नहीं करता है।

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कौन सा मास्क पहनें

जहां संक्रमण के केस अधिक हों वहां लोगों को मास्क पहनना चाहिए। भीड़भाड़ और सार्वजनिक जगह में भी मास्क पहनें।
अगर आप स्वस्थ हैं तो तीन परत वाला फैब्रिक मास्क (3 Ply Mask) पहनें।
बीमार और स्वास्थ्य कर्मियों को हमेशा मेडिकल-ग्रेड का मास्क इस्तेमाल करना चाहिए।

मास्क मिथ 2- वर्कआउट करते वक्त भी मास्क पहनना जरूरी है?

कोरोना काल के लॉकडाउन में जिम बंद कर दिए गए। साथ ही टहलने और दौड़ने पर भी रोक लगा दी गई। मगर अब अनलॉक में थोड़ी राहत मिली है। मगर कोरोना वायरस के खौफ को देखकर कई लोग मास्क पहनकर वर्कआउट कर रहे हैं।

इसको लेकर डॉ. शीतल चौरसिया ने बताया- वर्कआउट करते समय मास्क का उपयोग करेंगे, तो जरूरत से कम ऑक्सीजन शरीर में पहुंचेगी और शरीर में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ेगी। इस कारण चक्कर, थकान, सिरदर्द, सांस लेने में मुश्किल जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके लिए किसी दूसरे साथी से सोशल डिस्टेंस मेंटेन करके बगैर मास्क के वर्कआउट करें या सांस लेने में योग्य मास्क पहनें।

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मास्क मिथ 3- बच्चों के लिए मास्क पहनाना खतरनाक साबित हो सकता है?

डब्ल्यूएचओ ने इसको लेकर स्पष्ट किया है कि 5 साल या इससे कम उम्र के बच्चों को भूलकर भी मास्क नहीं पहनना चाहिए। अगर आपका बच्चा 6 से 11 या उससे अधिक उम्र का है तो उनको किसी भी सार्वजनिक स्थान या संक्रमण वाले स्थान पर ले जाने से पहले मास्क पहना दें।इसके अलावा इस बात को लेकर डब्लूएचओ ने यूनीसेफ के सहयोग से एक नई गाइडलाइंस भी जारी की हैं। जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को बड़ों की तरह जरूरत के हिसाब से मास्क पहना सकते हैं।

अच्छी क्वालिटी के मास्क की पहचान

अच्छी गुणवत्ता वाला मास्क पहनने से न सांस लेने में दिक्कत होगी और न ही किसी प्रकार की स्किन की समस्या हो सकती है। मगर सवाल ये उठता है कि जहां हजारों मास्क बिक रहे हैं वहां पर अच्छा व खराब मास्क कैसे पहचानें?

मास्क का फैब्रिक सूती होना चाहिए। इसकी सलाह डब्ल्यूएचओ और अन्य स्वास्थ्य संगठनों ने दी है।मास्क खरीदते वक्त सिंगल-यूज और री-यूज मास्क लिखा देख लें। अगर वह सिंगल यूज है तो उसको दोबारा न पहनें। री-यूज मास्क को भी लंबे समय तक न पहनते रहें।

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