अब बुंदेलखंड एक्सप्रेस का नाम बदलकर पीतांबरा एक्सप्रेस करने की तैयारी, फूटे विरोध के स्वर

ग्वालियर से होकर झांसी, महोबा, बांदा और चित्रकूट यानि बुंदेलखंड अंचल से गुजर कर बनारस तक जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस..

अब बुंदेलखंड एक्सप्रेस का नाम बदलकर पीतांबरा एक्सप्रेस करने की तैयारी, फूटे विरोध के स्वर
बुंदेलखंड एक्सप्रेस का नाम बदलकर पीतांबरा एक्सप्रेस करने की तैयारी..

ग्वालियर से होकर झांसी, महोबा, बांदा और चित्रकूट यानि बुंदेलखंड अंचल से गुजर कर बनारस तक जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस का नाम बदलने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस गाड़ी को नया नाम पीतांबरा एक्सप्रेस दिया जाएगा। एक पखवाड़े पहले हुई झांसी रेल मंडल के सांसदों की बैठक में ये प्रस्ताव आया था, जिस पर अमल शुरू कर दिया गया है। 

ग्वालियर-बनारस के बीच चलने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस 23 स्टेशनों से होकर गुजरती है। इनमें से 11 स्टेशन बुंदेलखंड क्षेत्र के विभिन्न जनपदों के हैं। यही वजह है कि बुंदेलखंड के लोगों की यह पसंदीदा ट्रेनों में से एक है। प्रयागराज, बनारस और ग्वालियर की ओर जाने वाले ज्यादातर यात्री इसी ट्रेन में सफर करना पसंद करते हैं। रोजाना तीन हजार यात्री इस ट्रेन से यात्रा पूरा करते हैं।

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अब इस ट्रेन का नाम बदलकर पीतांबरा एक्सप्रेस करने की जा तैयारी है। इसका प्रस्ताव छह मई को हुई झांसी रेल मंडल से संबंधित सांसदों की बैठक में भिंड की सांसद संध्या सुमन की ओर से आया था। अब इस दिशा में मंडल रेल प्रशासन की ओर से कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसका ड्राफ्ट तैयार कर रेलवे मुख्यालय भेजा जाएगा। मुख्यालय की मुहर लगने के बाद ट्रेन का नाम परिवर्तित कर दिया जाएगा।

यह ट्रेन ग्वालियर से चलकर डबरा, दतिया, झांसी, निवाड़ी, मऊरानीपुर, हरपालपुर, बेलाताल, कुलपहाड़, महोबा, बांदा, अतर्रा, चित्रकूट धाम कर्वी, मानिकपुर, शंकरगढ़, नैनी, प्रयागराज जंक्शन, प्रयाग जंक्शन, फूलपुर, जंगई, सुरयावां, भदोही होते हुए बनारस पहुंचती है। लौटते में भी ये गाड़ी इन सभी स्टेशनों से होते हुए ग्वालियर पहुंचती है। रेलवे द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेस में अभी हाल ही में एलएचबी कोच (लिंक हाफमैन बुश) कोच लगाए हैं। जर्मन तकनीक से बने इन कोचों की पलटने की संभावना कम होती है। इसके अलावा इन कोचों के लगने से ट्रेन की रफ्तार में 20 किमी प्रतिघंटा तक की बढ़ोतरी हुई है।

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कई दशकों से अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग करने वाले लोगों को बुंदेलखंड एक्सप्रेस का नाम बदलना रास नहीं आ रहा है इसीलिए इस आंदोलन से जुड़े और बुंदेलखंड के बाशिंदे बुंदेलखंड एक्सप्रेस का नाम बदलने का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि केंद्र और राज्य की सरकारें वर्षों से लंबित अलग बुंदेलखंड राज्य बनाने के बजाय बुंदेलखंड की पहचान मिटाने में लगे हैं बुंदेलखंड एक्सप्रेस  का नाम बदलना भी इसी सोच का परिणाम है। पहले सरकार को अलग बुंदेलखंड राज्य बनाने के बारे में सोचना चाहिए। 

बताते चलें कि इसके पहले भी झांसी रेलवे का स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई कर दिया गया जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया था लोगों का कहना था कि इससे झांसी की पहचान मिल जाएगी बाद में प्रशासन द्वारा रेलवे स्टेशन में झांसी का नाम बढ़ा दिया है।  इस ट्रेन की बुंदेलखंड में खासी पहचान बन चुकी है। नाम बदलने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

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इस बारे में जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह का कहना है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस का नाम बदलकर पीतांबरा एक्सप्रेस रखे जाने का प्रस्ताव भिंड की सांसद की ओर से पिछले दिनों हुई बैठक में आया था। इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है, जिसे रेलवे मुख्यालय भेजा जाएगा।

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