महालक्ष्मी पर्व पर महिलाओं के साथ केन नदी में शुच करने गई दो छात्राएं बह गई

बुंदेलखंड के जनपद बांदा में महालक्ष्मी पर्व के दौरान केन नदी में महिलाओं के साथ (शुच) डुबकी लगाने गई दो छात्राएं केन नदी की..

महालक्ष्मी पर्व पर महिलाओं के साथ केन नदी में शुच करने गई दो छात्राएं बह गई

बांदा, 

बुंदेलखंड के जनपद बांदा में महालक्ष्मी पर्व के दौरान केन नदी में महिलाओं के साथ (शुच) डुबकी लगाने गई दो छात्राएं केन नदी की तेज धारा में बह गई। महिलाओं द्वारा शोर मचाए जाने से लोगों ने बह रही छात्राओं में से एक छात्रा को बचा लिया, जबकि दूसरी छात्रा पानी की तेज धारा में बह गई। जिसकी खोजबीन के लिए पुलिस द्वारा गोताखोरों की मदद ली गई। पांच घन्टे बाद गोताखोरों ने नदी में डूबी खुशबू का शव ढूंढ निकाला।

घटना सोमवार को पैलानी थाना क्षेत्र के खपटिहा कला गांव में हुई। इसी गांव की रहने वाली महिलाएं महालक्ष्मी त्यौहार पर केन नदी में स्नान कर डुबकी लगाने गई थी। इनके साथ गांव की दो छात्राएं खुशबू (12) पुत्री महेश प्रजापति व आरती (19) पुत्री श्री श्याम सुंदर प्रजापति नदी में गई थी। जब दोनों छात्राएं नहाने के साथ-साथ शुच कर रही थी। तभी पानी की तेज धारा में दोनों बहने लगी। यह देख कर महिलाओं ने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर-शराबा सुनकर गांव के हिम्मत सिंह और आत्मस्वरूप विश्वकर्मा वहां पहुंचे और नदी में बह रही छात्राओं को बचाने के लिए नदी में कूद पड़े। दोनों के प्रयास से आरती तो बच गई लेकिन खुशबू नदी में बहते हुए गहराई में समा गई।

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यह देख कर महिलाओं में हड़कंप मच गया और उन्होंने रोना पीटना शुरू कर दिया। तब तक इस घटना की जानकारी पुलिस और ग्रामीणों को भी हो गई। जिससे देखते ही देखते गांव के लोग वहां जमा हो गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पानी में बह गई छात्रा खुशबू की खोजबीन गोताखोरों द्वारा शुरू कराई लेकिन पांच घंटे गुजर जाने के बाद उसका शव बरामद हुआ। क्षेत्राधिकारी पैलानी गवीन्द्र सिंह गौतम ने बताया कि घटना के बाद नदी में डूबी खुशबू का शव ढूंढने के लिए एसडीआरएफ को बुलाया गया था।

जो टीम इलाहाबाद से चल चुकी थी। इधर स्थानीय गोताखोर लगातार बालिका के खोजबीन में लगे थे। करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार गोताखोरों ने नदी में डूबी खुशबू का शव ढूंढ निकाला। पंचनामा के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। बताते चलें कि यह घटना महालक्ष्मी पर्व पर पहली नहीं है। अभी पिछले वर्ष भी इसी त्यौहार में आधा दर्जन बच्चों की जल समाधि हो गई थी। इनमें 3 बच्चे नरैनी तहसील के कोलाहल रायपुर में डूब गए थे। इसी तरह बांदा सदर तहसील के अंतर्गत जारी गांव में एक बच्चे की डूबने से मौत हुई थी और बबेरू तहसील के दो बच्चे मौत के मुंह में समा गए थे। यह सभी बच्चे अपनी मां के साथ नदी में नहाने चले गए थे।

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