चित्रकूट के जंगलों में आग का तांडव जारी, बेजुबान जीव जंतु जलकर हो रहे ख़ाक

चित्रकूट के जगलो में आग का तांडव जारी है। वन संपदा जलकर खाख हो चुकी है, पशु पक्षी जंगली जानवर...

चित्रकूट के जंगलों में आग का तांडव जारी, बेजुबान जीव जंतु जलकर हो रहे ख़ाक
चित्रकूट के जंगलों में आग

चित्रकूट के जगलो में आग का तांडव जारी है। वन संपदा जलकर खाख हो चुकी है, पशु पक्षी जंगली जानवर गाँवो की तरफ रुख किये है, वन विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयास असफल होते नजर आ रहे है।परानु बाबा वन क्षेत्र के जंगल में लगी भीषण आग लगी है। धू धू कर जल रहा पूरा जंगल, धारकुंडी के जंगल सत्तर किमी के दायरे में धधक उठे है।उधर, रेलवे ट्रैक के ओहन बहिलपुरवा व बांसा पहाड स्टेशन के किनारे आग अभी भी सुलग रही है।

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जिले के सुलग रहे पहाड़ों के जंगलों की आग रविवार को धारकुंडी के जंगल तक पहुंच गई। धारकुंडी के जंगल सत्तर किमी के दायरे में धधक उठे। जंगलों में लगी आग को बुझाने के प्रयास भी फिलहाल नाकाफी हैं और पहाड़ों की आग दिन प्रतिदिन दायरा बढ़ाती ही जा रही है।

रविवार को रानीपुर वन्यजीव विहार सेंचुरी क्षेत्र के तीन ओर के जंगल में आग फैली गई, जो लगभग 20 किमी के एरिया से लेकर धारकुंडी के पहाड़ तक पहुंच गई है। उधर, रेलवे ट्रैक के ओहन बहिलपुरवा व बांसा पहाड स्टेशन के किनारे आग अभी भी सुलग रही है।

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आग से वन विभाग के मारकुंडी, ददरी समेत अन्य वनबीट के पौधरोपण को भी भारी नुकसान हुआ है। उधर, बहिलपुरवा क्षेत्र में रेल लाइन किनारे के कुछ केबल भी जल गए हैं। रेल अफसरों के अनुसार, मैनुअल वर्किंग से ट्रेनों का आवागमन जारी है।

जिले के जंगलों की आग का दायरा खोह गांव से लेकर बहिलपुरवा, ओहन, गढ़चपा जंगलों से होते हुए मानिकपुर क्षेत्र के ऐलहा बढैया के जंगल के बाद अब रानीपुर वन्य विहार तक पहुंच गया है। यहां वन विभाग के कई पौधरोपण प्लांट में आग से पेड़-पौधे सुलग रहे हैं, जिससे जंगली जानवरों पर खतरा मंडराने लगा है। कई जीव जंतुओं की मौत हो गई है। वही जंगलों के आसपास बसने वाली बस्ती भी प्रभावित हुई है।

ओहन के जंगल में लगी आग से रेल पटरी के किनारे बसी बस्ती रम्पुरिया में आधा दर्जन घरों में आग लग गई। इसी तरह से अन्य स्थानों की बस्ती में आग लगने की घटनाएं हुई हैं। उधर, रानीपुर वन्य जीव विहार में 20 किमी के दायरे में आग लगने से कीमती पेड़-पौधे सहित शेर, भालू, चीता व हीरन व अन्य जंगल जानवर भी चपेट में आने लगे हैं।

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मारकुंडी व ददरी प्लांटेशन के पेड़-पौधे जल रहे हैं। वही अन्य कुछ स्थानों पर आग लगी हुई है। आग मप्र क्षेत्र के मझगवां के जंगलों तक अलग-अलग स्थानों पर फैल चुकी है। आग से जानवरों को नुकसान नहीं हुआ है। वन्यजीव प्राणी तो मप्र के जंगल की ओर भाग गए हैं। वन संपदा का ही नुकसान है। सकरौंहा व निही क्षेत्र के पहाड़ में आग फैली है, जबकि रानीपुर खाकी के जंगल की आग पर नियंत्रण किया गया है।

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रानीपुर वन्य विहार में लगी आग धारकुंडी जंगल के पास तक पहुंच गई है। आश्रम श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। क्षेत्र में हजारों श्रद्धालुओं का आवागमन होता है। आश्रम के आसपास कई गांव बसे हुए हैं, जिन पर खतरा मंडरा रहा है।

आग का दायरा मानिकपुर रेंज के निही चिरैया, मरवरिया, बेधक, रानीपुर कल्याणपुर, गिदुरहा, मारकुंडी रेंज के गौतमपुर डोडा, सकरौंहा, मुरली, भवनिहार खेत, कुसुमुही जंगल, मऊ रामनगर बरगढ़ क्षेत्र के मरजादपुर, टिकरिया, गिदुरहा, औैंझर, खोह, देवांगना, हनुमानधारा, बांके सिद्ध, सिद्धपुर, परानू बाबा, ददरी, खदरा सोसायटी, खंडेहा, कलचिहा, दानू बाबा आश्रम के पास के जंगलों और मप्र के मझगवां जंगल में आग लगी है।

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