45 वर्ष से ऊपर के लोग टीकाकरण कराने से न चूकें : कुलपति

वैश्विक महामारी कोविड-19 से पूरा विश्व जूझ रहा है। कई देशो के साथ-साथ भारतवर्ष में भी इससे लोग..

45 वर्ष से ऊपर के लोग टीकाकरण कराने से न चूकें : कुलपति
45 वर्ष से ऊपर के लोग कोरोना टीकाकरण

वैश्विक महामारी कोविड-19 से पूरा विश्व जूझ रहा है। कई देशो के साथ-साथ भारतवर्ष में भी इससे लोग प्रभावित है। वर्तमान स्थिति में जहाॅ जागरूकता की कमी एवं कोविड प्रोटोकाॅल नियमो का उल्लघन इसे और भयावह बना रही है, जिसके फलस्वरूप हम अपने अपनो को खोते जा रहे है। इस महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण एवं जागरूकता ही प्रमुख उपाय रह गया है।

यह बाते कृषि विश्वविद्यालय, बांदा के कुलपति डा. यू.एस. गौतम ने विश्वविद्यालय के 45 वर्ष से अधिक आयु के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ बांदा जिले के जमालपुर परिवार कल्याण उप केन्द्र पर कोविड-19 का टीकाकरण कराते हुए कही। 

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उन्होने कहा कि भारत एवं उप्र सरकार द्वारा 18 वर्ष से ऊपर सभी के लिए टीकाकरण की व्यवस्था की है परन्तु अभी भी 45 वर्ष से ऊपर के लोग टीकाकरण कराने से चूक रहे है। जानकारी एवं जाकरूकता के अभाव में लोग अफवाहो पर ज्यादा ध्यान दे रहे है, जोकि गलत है।

45 वर्ष से ऊपर के लोग कोरोना टीकाकरण

डा. गौतम ने कहा कि बुन्देलखण्ड परिक्षेत्र के सभी नागरिको से अपील करता हूॅ कि वह अतिशीघ्र टीकारण कराकर अपना व अपने परिवार को इस महामारी से सुरक्षित रखें। टीकाकरण न करवाने की दशा में यह बीमारी अपने विकराल रूप में आ सकती है।

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जिससे इस बीमारी की मृत्युदर बढ जायेगी। डा. गौतम से सभी पढ़े लिखे युवा, महिलाओं पुरूषो एवं सभी वर्ग के लोगो से यह अपील की है कि वह अपने घरो, सम्बन्धियो एवं जानने वालो को टीकाकरण करवाने हेतु प्रेरित करें।

देश के नरेन्द्र मोदी  एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने सभी जनमानस के लिए टीकाकरण जागरूकता ही इस बीमारी से बचाव का उपाय बताया है। 

डा. गौतम ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के सभी 45 वर्ष की आयु से ऊपर के अधिकारी,  कर्मचारी तथा उनके परिवार के सदस्यो का टीकाकरण के दोनो डोज को लगवा लिया गया है।

उ.प्र. सरकार द्वारा 18 से 45 वर्ष आयु के लोगो के टीकाकरण के एैलान के बाद विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी, कर्मचारी एवं उनके परिवार के सम्बन्धित लोगो का पंजीकरण लगभग हो गया है।

जैसे ही बांदा जिले मे टीकारण की व्यवस्था होती है, तुरन्त ही इसे बढ़चढ़ कर लगवाया जायेगा। ज्ञात हो कि कृषि विश्वविद्यालय बांदा एवं कृषि विज्ञान केन्द्रो के द्वारा इस महामारी से बचाव हेतु विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम, रैली तथा गोष्ठियो के माध्यम से ग्रामवासियों को जागरूक किया जाता रहा है।

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