साधु-संतों के लिए रघुबीर मन्दिर आश्रम बना मददगार, दिया मासिक राशन

चित्रकूट में परम पूज्य संत श्री रणछोड़दास जी महाराज के पावन कर-कमलों द्वारा जानकीकुंड में स्थापित श्री रघुबीर मन्दिर ट्रस्ट..

साधु-संतों के लिए रघुबीर मन्दिर आश्रम बना मददगार, दिया मासिक राशन
साधु-संतों के लिए रघुबीर मन्दिर आश्रम बना मददगार

चित्रकूट में परम पूज्य संत श्री रणछोड़दास जी महाराज के पावन कर-कमलों द्वारा जानकीकुंड में स्थापित श्री रघुबीर मन्दिर ट्रस्ट (बड़ी गुफा) द्वारा लॉकडाउन के समय में गत वर्ष की भाँती इस वर्ष भी साधु-संतों एवं अभ्यागतों की सेवार्थ भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मंदिर परिसर में प्रतिदिन 200 भोजन पैकेट वितरित किये जा रहे हैं।

इसी क्रम में चित्रकूट के विभिन्न मंदिरों एवं आश्रमों में रहकर जो साधु-संत ताप-साधना इत्यादि कर रहे हैं, लॉकडाउन में उनकी साधना अबाध रूप से निर्विघ्न चलती रहे इसके लिए उनके सुदूर आश्रमों में जा-जा कर रघुबीर मंदिर की ओर से ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं द्वारा सभी संतों के लिए एक माह का राशन वितरित किया जा रहा है।

साधु-संतों के लिए रघुबीर मन्दिर आश्रम बना मददगार

उल्लेखनीय है कि, चित्रकूट में विगत एक माह से भी अधिक समय से लागू लॉकडाउन की वजह से अनेकों संतों को आवागमन के साधन बंद होने से तथा उनके आश्रमों में अमावस्या आदि के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं की कमी के कारण आश्रमों में संचालित होने वाले सेवाएं विशेषकर साधु-पंगत आदि पर विपिरीत प्रभाव पड़ा है।

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साथ ही चित्रकूट के अनुसुइया, टाठीघाट, हनुमानधारा, कोटतीर्थ देवांगना, कामदगिरी परिक्रमा एवं जानकीकुंड आदि के क्षेत्र में अनेकों ऐसे आश्रम हैं, जिनमें अनेकों सिद्ध तपस्वी सन्त निस्वार्थभाव से अपनी साधना में लीन रहते हैं । उनकी सेवार्थ ट्रस्ट प्रबन्धन ने यह निर्णय लिया है कि, ऐसे आश्रमों में जाकर पूज्य सन्तों की सुश्रुषा हेतु, उन्हें एक-महीने का राशन जिसमें उनके लिए उपयोगी वस्तुएं, पूजन सामग्री, फलाहार एवं कच्चा अनाज, तेल,घी इत्यादि के साथ संक्रमण से बचाव हेतु मास्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं । इस माह लगभग 350 संतों तक यह राशन पहुँचाया जा रहा है।

साधु-संतों के लिए रघुबीर मन्दिर आश्रम बना मददगार

श्री रघुबीर मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ.बी.के.जैन ने बताया कि, चित्रकूट के संतों महंतों का सान्निध्य एवं आशीर्वाद हम सभी को सदैव प्राप्त होता है तथा इस कठिन समय में हम सभी का दायित्व है कि, उनकी सेवा में हमारी तरफ से जो भो यथाशक्ति बन सके वह हम करें। हमारे संस्थापक परम पूज्य गुरुदेव का स्पष्ट कथन था कि, “अन्नदान तलवार है, राम नाम की ढाल, भवरिपु मारन को ‘बना’,यही पुरानी चाल”, गुरुदेव ने सदैव साधु-संतों की सेवा का बहुत महत्त्व बतलाया है एवं वह स्वयं भी अपने समय में (बड़ीगुफा) में अभ्यागत साधु-सन्तों के लिए नियमित भण्डारा करते थे।

साधु-संतों के लिए रघुबीर मन्दिर आश्रम बना मददगार

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उस पावन परम्परा को ट्रस्ट के भूतपूर्व अध्यक्ष स्व. अरविन्द भाई मफतलाल एवं ट्रस्टी स्व. रामभाई गोकाणी ने अनवरत चालू रखा, एवं उनके पश्चात भी आज तक रघुबीर मंदिर में यह साधु सेवा अनवरत संचालित होती आ रही है। श्री रघुबीर मन्दिर में धार्मिक अनुष्ठानों, पूजन, पाठ, संकृत शिक्षण आदि के साथ सन्त सेवा भी हमारा एक प्रमुख उद्देश्य है।

वर्तमान में ट्रस्ट के द्वारा अभ्यागतों की सेवा में दो सौ भोजन के पैकेट मन्दिर प्रांगण से प्रतिदिन वितरित किये जा रहे हैं। सौ से अधिक संत साधू पंगत में भोजन पा रहे हैं, साथ ही, इस क्रम में हमने पिछले साल भी लॉकडाउन में संतों के आश्रमों तक राशन पहुँचाया था एवं इस वर्ष भी जब तक यह लॉकडाउन रहेगा रघुबीर मन्दिर द्वारा यह सेवा निरन्तर चलती रहेगी, ताकि पूज्य संतों को तेजी से फैल रहे इस कोरोना संक्रमण के समय में अपने सुरक्षा घेरे से बाहर ना आना पड़े तथा उनका आरोग्य-स्वस्थ्य बना रहे।

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