पीएम को पत्र भेजने के बाद देश के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूल बैग पॉलिसी 2020 लागू करने का अनुरोध

भाजपा के पुर्व जिला अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी जीतू ने जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर देश में स्कूल बैग पॉलिसी 2020 लागू कराने की मांग की..

पीएम को पत्र भेजने के बाद देश के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूल बैग पॉलिसी 2020 लागू करने का अनुरोध
फाइल फोटो

बांदा,

  • भाजपा के पुर्व जिला अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी जीतू ने भेजा था पत्र

भाजपा के पुर्व जिला अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी जीतू ने जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर देश में स्कूल बैग पॉलिसी 2020 लागू कराने की मांग की थी। इस पर सुनीता शर्मा अनु सचिव शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली ने शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की भांति राज्यों से स्कूल बैग पॉलिसी 2020 लागू किए जाने का अनुरोध किया है।  साथ ही इस आशय का पत्र भेजकर पूर्व जिला अध्यक्ष जीतू जी को अवगत कराया है।

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सभी निजी शिक्षण संस्थानों में बैग पॉलिसी 2020 लागू करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार त्रिपाठी ने देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को विस्तृत वर्णन करते हुए एक पत्र लिखा गया था। जिसमे कहा गया था कि प्रतिदिन स्कूल शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाने वाले मासूमों के नाजुक कंधो में मनमानी कॉपी किताब का बोझ तले दब गए हैं। जिससे शारीरिक और मानसिक विकृति पैदा हो सकती है।

देश के प्रधान मंत्री जी को भेजे गए पत्र पर सुनीता शर्मा अनु सचिव शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली ने अपने पत्र संख्या एफ 14-1/2022 दिनाक 7 जुलाई 2022 भेजते हुए अवगत कराया गया है कि उनके द्वारा भारत वर्ष के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की भांति स्कूल बैग पॉलिसी 2020 लागू किया जाए। ताकि बच्चो के स्कूल बैग हल्के हो जाए और प्रत्येक बच्चा स्कूल शिक्षा और होम वर्क को आनंदित होते हुए ग्रहण कर सके।

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यह पत्र प्रधान मंत्री जी के कार्यालय से 5 मई 2020 को शिक्षा मंत्रालय नई दिल्ली भेजा गया था। भारतीय जनता पार्टी के जीतू भाई ने उम्मीद जताई है और नौनिहालों के नाजुक कंधो पर भारी पड़ रहा स्कूल बैग को हल्का करने की दिशा में निर्णायक भूमिका राज्यों के शिक्षा मंत्री द्वारा निभाई जायेगी ताकि बच्चे और उनके माता पिता को भी आर्थिक रूप से लाभ हो। बताते चलें कि भारी भरकम स्कूल बैग्स के वजह से बच्चों के स्वास्थ पर सीधा प्रभाव पड़ रहा था।

नई शिक्षा नीति के तहत अब स्कूली बैग का वजन अधिकतम पांच किलो होगा। स्कूल बैग बच्चों के स्वास्थ्य और शारीरिक विकास के लिए एक गंभीर खतरा हैं। ये बढ़ते बच्चों पर शारीरिक प्रभाव डालते हैं जो उनकी रीढ़ की हड्डी और घुटनों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा ऐसे स्कूल जो दोहरे या बहुमंजिला इमारतों वाले हैं, वहां बच्चों को भारी स्कूल बैग के साथ सीढ़ियों पर चढ़ना पड़ता है वहां बच्चों को कई समस्याएं आने लगती हैं। इस सम्बन्ध में शिक्षा मंत्रालय ने नई स्कूल बैग नीति को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था।

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