ऑनलाइन ठगी का बदला ट्रेंड, मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के नाम पर पूछी जा रही ओटीपी

एक तरफ जहां दुनिया के साथ ही देश में ऑनलाइन का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। जिससे लेन-देन में काफी सहूलियत हुई है। वहीं ऑनलाइन ठग भोले भाले लोगों से विभिन्न प्रकार से ठगी कर काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं...

ऑनलाइन ठगी का बदला ट्रेंड, मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के नाम पर पूछी जा रही ओटीपी

गाजीपुर, (हि.स.)

हालात ऐसी है कि अचानक बैंक खातों से पैसा ट्रांसफर, ऑनलाइन खरीदारी के साथ ही गूगल ऐप पर पैसों की मांग सरेआम हो गई है। अब बकायदा ऑनलाइन लॉटरी निकलने, लकी ड्रा में इनाम प्राप्त होने के एवज में गारंटी धनराशि मंगवाने के साथ ही पेनकार्ड, एटीएम कार्ड अपडेट्स के रूप में ऑनलाइन ठगी सरेआम हो गई है। अब लॉकडाउन में अतिरिक्त राशन मिलने का हवाला देकर बकायदे मोबाइल पर ओटीपी भेज कर कंफर्म भी करवाया जा रहा है।

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सबसे बड़ी बात है कि जहां पहले ऑनलाइन फ्रॉड गिरी करने वाले ठगों के कोई सूत्र नहीं हुआ करते थे वहीं अब बाकायदा फोन नंबर तक उपलब्ध हो जाते हैं। उसके बावजूद कोई खास रोकथाम नहीं हो पाती, जिससे लोगों को काफी खामियाजा भुगतना पड़ता है। हालांकि ऑनलाइन ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी होते देख काफी समय पूर्व से ही पुलिस प्रशासन द्वारा बकायदे साइबर क्राइम सेल गठन कर पूरी टीम तैनात कर दी गई है। लेकिन सच्चाई यह है कि एकाध मामलों को छोड़ दें तो प्रायः इस संबंध में संबंधित टीम के हाथ अभी भी हाथ खाली नजर आते हैं।

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गौरतलब हो कि फिलहाल कुछ दिनों से ठगों द्वारा लोगों को फोन कर उनको कोटेदार के माध्यम से अतिरिक्त राशन उपलब्ध कराए जाने का हवाला दिया जाता है। इसके एवज में मोबाइल रजिस्ट्रेशन करने की बात कर ओटीपी नंबर भी पूछ लिया जाता है। फिर क्या अतिरिक्त राशन तो नहीं मिलता, लेकिन लोगों के खाते में रखी गई रकम गायब हो जाती है। अब ऐसे में बचाव ही उपाय है।

आशीष यादव ने बताया कि ठगों द्वारा फोन कर ऑनलाइन लॉटरी निकलने व लकी ड्रा में नाम निकलने का हवाला झांसा देकर मार्जिन मनी के रूप में पैसा जमा कराकर भी ठगी होती रही। इसके साथ ही एटीएम कार्ड को अपडेट करने के नाम पर फर्जी बैंक कर्मी बनकर कई बार लोगों का पैसा उड़ा दिया जाता रहा, लेकिन वही नतीजा ढाक के तीन पात। संबंधित बैंक व पुलिस थानों द्वारा एक दूसरे से मदद मांगने को कहा जाता रहा।

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क्षेत्र के कस्बा निवासी मनोज वर्मा ने बताया कि पिछले एक-दो वर्षों से फेसबुक मैसेंजर पर किसी परिचित के फर्जी आईडी से इलाज के नाम पर गूगल पर अन्य खातों में पैसे की मांग किया जाना आम हो गया। इसमें कई बार तो पुलिस अधिकारी व जनप्रतिनिधियों तक के नामों से पैसा मांगा गया लेकिन शिकायत करने पर कोई हल नहीं निकल सका।

एडवोकेट शिवानन्द सिंह ने बताया कि अब ऑनलाइन ठगों द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान कोटेदार से अतिरिक्त राशन उपलब्ध होने के नाम पर मोबाइल नंबर को अपडेट करने का हवाला देकर ठगी की जा रही है। हालांकि प्रशासन द्वारा पुलिस विभाग में बकायादे साइबर क्राइम रोकने के लिए एक सेल का गठन किया गया। लेकिन यदि भुक्तभोगी यों की मानें तो ऑनलाइन ठगी हो जाने के बाद साइबर क्राइम टीम से कुछ खास मदद नहीं मिल पा रही है। इतना जरूर है कि साइबर क्राइम द्वारा फेसबुक व्हाट्सएप पर जारी किए गए आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्रवाई अवश्य होती जा रही है। ऐसे में ऑनलाइन ठगों द्वारा नित नए तरीकों से लोगों को ठगने का कार्य बदस्तूर जारी है।

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