हाईकोर्ट ने माना, जीवनसाथी के साथ लंबे समय तक शारीरिक संबंध न बनाना मानसिक क्रूरता

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना किसी आधार के जीवनसाथी के साथ लंबे समय तक यौन संबंध बनाने की अनुमति...

May 26, 2023 - 08:00
May 26, 2023 - 08:07
 0  1
हाईकोर्ट ने माना, जीवनसाथी के साथ लंबे समय तक शारीरिक संबंध न बनाना मानसिक क्रूरता

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना किसी आधार के जीवनसाथी के साथ लंबे समय तक यौन संबंध बनाने की अनुमति न देने को मानसिक क्रूरता माना है। कोर्ट ने इसे आधार मानते हुए वाराणसी के दंपती के तलाक की अनुमति दे दी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार चतुर्थ की खंडपीठ ने दिया है। वाराणसी के रविंद्र प्रताप यादव ने अपील दाखिल की थी।

यह भी पढ़ें-  अगले साल तक वंदे भारत ट्रेन के ये तीन प्रारूप नजर आयेंगे

वाराणसी फैमिली कोर्ट ने याची की तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया था। याची ने उसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याची की शादी 1979 में हुई थी। शादी के कुछ समय के बाद पत्नी का व्यवहार और आचरण बदल गया। उसने पत्नी के रूप में रहने से इनकार कर दिया था। आग्रह के बावजूद पति से दूर ही रही और आपसी संबंध नहीं बने। जबकि दोनों एक ही छत के नीचे रहते थे। कुछ दिन बाद पत्नी मायके चली गई। पति ने उसे घर चलने के लिए कहा तो वह मानी नहीं।

यह भी पढ़ें- डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल एक्शन में, अवैध परिवहन करते हुए पकड़े गए 70 वाहन

1994 में गांव में पंचायत कर 22 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने के बाद आपसी तलाक हो गया। पत्नी ने बाद में दूसरी शादी कर ली। पति ने तलाक देने की मांग की लेकिन वह अदालत गई ही नहीं और पारिवारिक न्यायालय ने पति की तलाक अर्जी को खारिज कर दिया।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0