बुन्देलखण्ड की बहू मिंटी अग्रवाल ने पाक के एयर स्ट्राइक में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

बुन्देलखण्ड की धरती में वीरों की कमी नहीं रही इसी धरती पर महारानी लक्ष्मीबाई ने अपनी वीरता से अंग्रेजों के छक्के छुड़ाए थे वही  इसी धरती की बहू ने एक बार फिर बुन्देलखण्ड के शौर्य की याद ताजा कर दी।

बुन्देलखण्ड की बहू मिंटी अग्रवाल ने पाक के एयर स्ट्राइक में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
मिंटी अग्रवाल, फाइटर कंट्रोलर, भारतीय वायु सेना

बुन्देलखण्ड की धरती में वीरों की कमी नहीं रही, इसी धरती पर महारानी लक्ष्मीबाई ने अपनी वीरता से अंग्रेजों के छक्के छुड़ाए थे। वही इसी धरती की बहू ने एक बार फिर बुन्देलखण्ड के शौर्य की याद ताजा कर दी। इस बहू ने पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान के आतंकी कैंपों को बालाकोट में तबाह करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें इस वीरता के लिए सेवा मेडल मिला है।इस खबर को सुनकर कस्बा गोहांड सहित पूरे जनपद में हर्ष व्याप्त है।

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बुन्देलखण्ड के जनपद हमीरपुर अंतर्गत गोहांड कस्बे की बहू स्क्वाड्रन लीडर  मिंटी अग्रवाल को वायु सेना के  स्थापना दिवस के मौके पर यह सेवां मेडल प्रदान किया गया। वह युद्ध सेवा मेडल पाने वाली प्रथम महिला अधिकारी हैं।

गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर भारतीय वायुसेना ने 88वां स्थापना दिवस मनाया। इस दौरान सेना की ओर से जवानों को सम्मानित किया गया। वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने दो दर्जन से ज्यादा वायुसेना अधिकारियों का सम्मान किया।

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इसमें वो जवान भी शामिल रहे, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बालाकोट एयर स्ट्राइक में शामिल होने वाले तीन वायुसेना अधिकारियों को वायुसेना दिवस के मौके पर सम्मानित किया गया। इनमें स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल, जो कि फाइटर कंट्रोलर थीं शामिल रहीं।एयरस्ट्राइक के बाद जब पाकिस्तानी वायुसेना ने काउंटर अटैक करने की कोशिश की तो उन्होंने ही पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था।

विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के प्लेन को जब हिट लगी तो उस वक्त मिंटी अग्रवाल ही पूरे ऑपरेशन में सभी पायलट को सूचनाएं दे रहीं थीं।

उनके अलावा ग्रुप कैप्टन हंसल, ग्रुप कैप्टन हेमंत कुमार वडसेरा को भी वायुसेना प्रमुख ने सम्मानित करते हुए तीनों को युवा सेना मेडल से सम्मानित किया गया। युवा सेना मेडल उन जवानों को दिया जाता है, जो कि युद्ध के वक्त में अपनी जान जोखिम में डालकर देश की रक्षा करते हैं। ये मेडल सिर्फ युद्ध ही नहीं बल्कि तनाव और अन्य ऐसे मौकों पर जब दुश्मन से सीधे सामना हो तब भी दिया जाता है।

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