चित्रकूट : पीएमएमवी योजना का लाभ देने में जिले का प्रदेश में दूसरा स्थान

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत लाभार्थियों को  मदद देने में जनपद का मंडल में प्रथम स्थान और प्रदेश में दूसरा स्थान है..

चित्रकूट : पीएमएमवी योजना का लाभ देने में जिले का प्रदेश में दूसरा स्थान

  • योजना से जिले में 25258 माहिलाएं लाभान्वित

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत लाभार्थियों को  मदद देने में जनपद का मंडल में प्रथम स्थान और प्रदेश में दूसरा स्थान है। जिले में 25258 महिलाओं को यह लाभ मिला है। इस योजना से पहली बार गर्भवती होने पर ही लाभ मिलता है।
 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भूपेश द्विवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत पहली बार मां बनने वाली महिला को तीन किश्तों में पांच हजार रुपये सीधे बैंक खाते के जरिए दिए जाते हैं। योजना से अब तक जिले में 25258 महिलाओं को लाभ मिल चुका है। यह योजना एक  जनवरी 2017 में लागू  हुई थी।

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  • पहली बार गर्भवती होने पर मिलती आर्थिक मदद

योजना के नोडल अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डॉ इम्तियाज अहमद ने बताया कि योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को तीन किश्तों में पांच हजार रुपए की धनराशि दी जाती है, चाहे प्रसव सरकारी या निजी अस्पताल में कराया हो। पंजीकरण के लिए माता-पिता का आधार कार्ड, मां की बैंक पासबुक की छाया प्रति जरूरी है। मां का निजी बैंक अकाउंट ही मान्य है। यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण कार्ड जरूरी है।

उन्होंने बताया कि पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किस्त के रूप में एक हजार रुपए दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर दूसरी किस्त के रूप में दो हजार रुपए और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने तथा बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में दो हजार रुपए दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती/धात्री के बैंक खाते में ही किए जाते हैं।

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  • किसी को न दें बैंक बैंक खाते की  जानकारी

योजना के नोडल ने सावधान किया कि जालसाज योजना के नाम पर फोन कर लाभार्थियों के बैंक अकाउंट संबंधित जानकारी लेकर उनके साथ आर्थिक धोखाधड़ी करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने बताया योजना का कोई भी प्रतिनिधि लाभार्थी से ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) नहीं पूछता है और न ही ऐसी सूचनाएं मांगता है। 

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  • हेल्पलाइन  से भी समाधान

जिला कार्यक्रम समन्वयक रोहित सिंह ने बताया कि राज्य स्तर से हेल्प लाइन नंबर 7998799804 जारी किया गया है। इस हेल्प लाइन नंबर पर लाभार्थी स्वयं ही कॉल करके योजना के आवेदन संबंधी तथा भुगतान न होने पर आ रही समस्या का निराकरण प्राप्त कर सकते हैं।


 
जिला कार्यक्रम समन्वयक ने बताया कि शासन की ओर से योजना के तहत जिले की 24614 महिलाओं को लाभ देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना से अब तक जिले में 25258 महिलाओं को लाभ मिल चुका है।

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  • लाभार्थियों के बोल

अंबिकाकुंज तरौहा निवासी शबनम ने बताया कि उन्हें योजना से 5000 की आर्थिक मदद मिली है। उन्होंने कहा कि यह योजना खासकर उन लोगों के लिए बहुत अच्छी है  जिन्हें जच्चा और बच्चे के पौष्टिक आहार के लिए आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है| उनके लिए 5000 बहुत बड़ी धनराशि है।

भैरवपागा निवासी रश्मि ने बताया कि उन्हें योजना से ₹5000 मिले हैं उन्होंने कहा कि यह योजना सभी के लिए बहुत अच्छी है बशर्ते योजना से मिली धनराशि को गर्भवती के पौष्टिक भोजन में खर्च किया जाए।

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