वर्चुअल प्रयोगशालाओं के प्रयोग से संवरेगा छात्रों का भविष्य, शिक्षक नयी तकनीकियों से रहें जागरूक

राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा द्वारा आयोजित वर्चुअल प्रयोगशालाओं के प्रयोग विषय पर आधारित ऑनलाइन रिफ्रेशर कार्यक्रम..

वर्चुअल प्रयोगशालाओं के प्रयोग से संवरेगा छात्रों का भविष्य, शिक्षक नयी तकनीकियों से रहें जागरूक

राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा द्वारा आयोजित वर्चुअल प्रयोगशालाओं के प्रयोग विषय पर आधारित ऑनलाइन रिफ्रेशर कार्यक्रम का समापन गुरूवार को किया गया। कार्यक्रम को मुख्य रूप से आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली एवं एकेटीयू लखनऊ के सहयोग से संपन्न किया गया। एक सप्ताह तक चले ऑनलाइन कार्यक्रम में देश की विभिन्न उच्च शैक्षिक संस्थाओं में कार्यरत शिक्षाविदों द्वारा वर्चुअल प्रयोगशालाओं के प्रयोग विषय पर व्याख्यान दिये गये। कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले 32 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिये जायेंगे।

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समापन सत्र में कार्यक्रम के संयोजक एवं राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा के अधिष्ठाता परास्नातक एवं रिसर्च डा. आशुतोष तिवारी ने ऑनलाइन माध्यम में जुड़े समस्त अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुये कहा कि वर्चुअल प्रयोगशालाओं के प्रयोग पर आधारित यह साप्ताहिक कार्यक्रम सभी के सहयोग से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ है। उन्होंने सभी से अधिक से अधिक वर्चुअल प्रयोग विकसित करने की अपील की। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये इंडियन सोसाइटी फॉर टेक्निकल एजूकेशन के अध्यक्ष डॉ. प्रताप सिंह ककसो देसाई ने कहा कि आईएसटीई तकनीकी शिक्षा के शिक्षकों का कैरियर विकास एवं छात्रों का व्यक्तित्व विकास करने वाली सबसे पुरानी एवं सबसे बड़ी संस्था है। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा के शिक्षकों को हमेशा नयी तकनीकियों के बारे में जानकारियां होनी चाहिये। वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन परिवर्तन हो रहे हैं। वर्चुअल शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने वर्चुअल प्रयोगशाला की दिशा में शिक्षकों एवं छात्रों को निरंतर विकास करने के लिये प्रेरित किया।

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अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली के निदेशक कर्नल बी. वेंकट ने कहा कि वर्चुअल प्रयोगशालायें भविष्य के लिये अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगी। हम सभी मिलकर अधिक से अधिक वर्चुअल प्रयोगशालायें विकसित करें जिससे प्रत्येक छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके। इसके लिये शिक्षकों को स्वयं नयी-नयी तकनीकियों से जागरूक होना चाहिये। 

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर कांतेश बलानी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि सात दिनों तक चले इस कार्यक्रम के माध्यम से अधिक से अधिक नये-नये प्रयोग करने के लिये तकनीकी शिक्षा के शिक्षकों को प्रोत्साहन मिला है। उन्होंने कहा कि वर्चुअल शिक्षा की दिशा में यह कार्यक्रम निश्चित ही मील का पत्थर साबित होगा। 

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राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा के निदेशक एवं वर्चुअल लैब सेल एकेटीयू लखनऊ के अध्यक्ष प्रोफेसर एसपी शुक्ल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि वर्चुअल प्रयोगशालाओं के प्रयोग विषय पर आधारित यह कार्यक्रम बहुत ही रोचक, ज्ञानदायक एवं समस्त तकनीकी शिक्षकों के लिये लाभप्रद रहा। उन्होंने कहा कि वर्चुअल प्रयोगशालाओं के प्रयोग से छात्रों का भविष्य संवरेगा। 

एक सप्ताह तक चले कार्यक्रम में इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी नीरमा यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर सोनल ठक्कर, राजकुमार गोयल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी गाजियाबाद के एसोसिएट प्रोफेसर विकास, यूनाइटेड कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड रिसर्च प्रयागराज, आईईटी लखनऊ की नेहा, गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एंड मैनेजमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. प्रियंका जायसवाल, एसआर इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी लखनऊ के धीरज सिंह, इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी नीरमा यूनिवर्सिटी अहमदाबाद की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. नेहा एवं एसडी कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी मुजफ्फरनगर की पारूल गुप्ता ने कार्यक्रम के अपने-अपने अनुभव साझा किये।

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