अयोध्या के भूमि घोटाले में बांदा निवासी एक अधिकारी का नाम भी उछला

राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट, अंत काल पछताएगा जब प्राण जाएंगे छूट। संत कबीर का यह दोहा अयोध्या में राम मंदिर के लिए खरीदी..

अयोध्या के भूमि घोटाले में बांदा निवासी एक अधिकारी का नाम भी उछला

राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट, अंत काल पछताएगा जब प्राण जाएंगे छूट। संत कबीर का यह दोहा अयोध्या में राम मंदिर के लिए खरीदी गई ज़मीनों में राजनेताओं और अफसरों पर सटीक बैठता है। राजनेताओं और अफसरों ने कमाई के चक्कर में अयोध्या में खूब जमीनें खरीदीं।

जमीनों को पहले ट्रष्ट में शामिल कराया गया और फिर ज़मीनों को रिश्तेदारों के नाम खरीद कर कमाई की गई। जमीन के घोटाले में बांदा निवासी एक अधिकारी भी शामिल बताए जाते हैं जिन्होंने अपने साले की पत्नी के नाम से जमीन खरीदी है। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच में यह भी लपेटे में आ सकते हैं।

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बांदा शहर के महेश्वरी देवी मंदिर के पास रहने वाले पुरुषोत्तम दास गुप्ता 20 जुलाई 2018 से 10 सितंबर 2021 के बीच अयोध्या के मुख्य राजस्व अधिकारी पुरुषोत्तम दास गुप्ता रहे हैं। अब गोरखपुर में एडीएम (ई) हैं। उनके साले अतुल गुप्ता की पत्नी तृप्ति गुप्ता ने अमरजीत यादव नाम के एक व्यक्ति के साथ साझेदारी में 12 अक्टूबर 2021 को बरहटा मांझा में 1,130 वर्ग मीटर  21.88 लाख रुपए में जमीन खरीदी।

उनके साले ेआगरा में पीडब्ल्यूडी में जेई है जिनकी पत्नी के नाम पर जमीन खरीदी गई है। लगभग 1 विस्वा जमीन शहर में खरीदने पर 50 लाख से अधिक है। उन्हें कैसे पता चला कि अयोध्या में बहुत सस्ती जमीन बिक रही है। स्वाभाविक है उन्हें पुरुषोत्तम दास गुप्ता ने ही जानकारी दी और उनके इशारे पर ही जमीन की खरीद-फरोख्त हुई है।अयोध्या में ज़मीनों को खरीदने का काम राजनेताओं से लेकर अफसरों तक ने किया। किसी ने अपने नाम से ज़मीन लिया और किसी ने अपने सगे संबंधियों के नाम से ज़मीनों को खरीदी है।

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