कृषि विश्वविद्यालय बांदा का सातवां कृषि विज्ञान केन्द्र प्रयागराज के छाता गांव में

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा में एक और कृषि विज्ञान केन्द्र को स्थापित किया ...

कृषि विश्वविद्यालय बांदा का सातवां कृषि विज्ञान केन्द्र प्रयागराज के छाता गांव में

-ऊसर भूमि सुधार में कृषि विज्ञान केन्द्र का महत्वपूर्ण योगदान होगाः सूर्य प्रताप शाही 
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा में एक और कृषि विज्ञान केन्द्र को स्थापित किया गया था। यह कृषि विज्ञान केंद्र जनपद प्रयागराज के छाता ग्राम, विकासखण्ड बहरिया में स्थापित हुआ है। यह कृषि विज्ञान केन्द्र छाता प्रयागराज द्वितीय के नाम से जाना जाता हैं। शुक्रवार को केन्द्र के प्रशासनिक भवन का शिलान्यास उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि ऊसर भूमि सुधार में इस कृषि विज्ञान केन्द्र का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

यह भी पढ़े:आखिर आतिशबाजी में इतना भयानक विस्फोटक क्यों इस्तेमाल किया गया,जांच मे जुटी टीमें


कृषकों ,जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि प्रयागराज जनपद के गंगापार क्षेत्र का किसान बहुत मेहनती है, परंतु ऊसर भूमि की समस्या से परेशान है। ऊसर भूमि का वैज्ञानिक प्रबंधन केन्द्र के वैज्ञानिकों के द्वारा अब तेजी से किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस सम्बन्ध में कृषि विज्ञान केंद्र छाता की टीम किसानों को जागरूक करे और ज्यादा से ज्यादा प्रदर्शन आयोजित करे। वही मंत्री  ने प्रशासनिक अधिकारियों से कृषि विज्ञान केंद्र की बाउंड्री स्पष्ट करने, घेरबंदी करने तथा मनरेगा योजना से आदर्श जलाशाय,फार्म की रोड का निर्माण कराए जाने तथा वृक्षारोपण कराने को निर्देशित किया। उन्होंने आस्वस्त किया कि इस कृषि विज्ञान केंद्र को प्रदेश सरकार हर स्तर पर सहयोग करने को तत्पर रहेगी, जिससे सभी किसान भाई कृषि के क्षेत्र में विकास कर सके।

यह भी पढ़े:बांदाः पुलिस ने इन दो गैंगस्टरों की 72 लाख की संपत्ति कुर्क की

 इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. नरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि विश्विद्यालय द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र को पूर्ण तकनीकी एवं प्रशासनिक सहयोग देंगे और आस्वस्त किया कि इस वर्ष भी केंद्र अपनी पूर्ण क्षमता से भूमि प्रबंधन तथा कृषकों की आय वृद्धि के प्रयास करेगा। केन्द्र द्वारा कृषि फार्म को पूर्ण प्रदर्शन योग्य बना लिया जाएगा, जिससे किसान लाभ उठा सके। 

यह भी पढ़े:वध के लिए गोवंशों को ले जाने वाले चार अभियुक्तों को चार-चार साल की कड़ी सजा

 ज्ञात हो कि इस केन्द्र की स्थापना वर्ष 2020 मे विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के संसूति पे किया गया था। पिछले चार वर्षों से इसे सीमित संसाधनों से संचालित कर रहा हैं। लेकिन प्रशासनिक भवन के निर्माण कार्य की शुरुआत आज स्थापना के बाद शुरू हुआ। कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी डा. एम. पी. सिंह ने बताया कि इस कृषि विज्ञान केंद्र का कुल क्षेत्रफल 9. 346 हेक्टेयर है। यह जनपद का दूसरा कृषि विज्ञान केंद्र है जिसका कार्य क्षेत्र गंगा पार के 14 विकासखंड मे है।

यह भी पढ़े:डीजे बजाने गए युवक की करंट लगने से मौत

इस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कुछ विकास खंड ऊसर भूमि से प्रभावित क्षेत्र होने के कारण केंद्र के द्वारा यहां पर ऊसर सहनशील प्रजातियों एवं तकनीको का प्रदर्शन परीक्षण एवं प्रशिक्षण के माध्यम से विशेष कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रसार निदेशालय के सह निदेशक डॉक्टर नरेंद्र सिंह, आनंद सिंह केंद्र के प्रभारी डॉक्टर महेश्वरी प्रसाद सिंह, उद्यान वैज्ञानिक डॉ. हिमांशु सिंह ,प्रगतिशील कृषक कमलचंद, जीतलाल,अतुल,फूलचंद आदि उपस्थित रहे। 

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0