बांदा : मल्टीमीडिया मोबाइल का चलन व इंटरनेट चैटिंग बेटियों के लिए अभिशाप बनी

महिला अपराध को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार हमेशा फिक्रमंद नजर आई। सरकार ने ऑपरेशन मजनू, ऑपरेशन रोमियो, एंटी रोमियो..

बांदा : मल्टीमीडिया मोबाइल का चलन व इंटरनेट चैटिंग बेटियों के लिए अभिशाप बनी
फाइल फोटो

महिला अपराध को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार हमेशा फिक्रमंद नजर आई। सरकार ने ऑपरेशन मजनू, ऑपरेशन रोमियो, एंटी रोमियो स्क्वाड बनाकर मिशन शक्ति अभियान चलाया। इसके बाद भी महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर चलाए गए यह अभियान दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। इसकी बानगी है चित्रकूट मंडल में पिछले 10 महीने में 134 नाबालिग लड़कियों की अपहरण की घटनाएं। हालांकि इन घटनाओं को मल्टीमीडिया मोबाइल के चलन और इंटरनेट मीडिया में अनजान लोगों से चौटिंग का दुष्प्रभाव माना जा रहा है। 

उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा के नाम पर तमाम अभियान चलाए जाने के बाद भी लड़कियां महफूज नहीं है। वह अराजक तत्वों के प्रेम जाल में फंसती चली जा रही है। मल्टीमीडिया मोबाइल का प्रयोग करने वाले युवक अपने से कम उम्र की लड़कियों को तरह-तरह के सब्जबाग दिखाकर उन्हें अगवा कर लेते हैं। उदाहरण के तौर पर जनपद बांदा के चिल्ला थाना क्षेत्र की एक लड़की 21 मई को घर से लापता हो गई थी। पिता ने गांव के ही एक युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

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बाद में लड़की 4 दिन बाद रेलवे स्टेशन के पास मिली। उसने बताया कि युवक उसे भूसे भरे डीसीएम में जबरदस्ती कहीं ले गया था। उसने दुष्कर्म करने के बाद उसे फतेहपुर जनपद के बिंदकी कस्बे में छोड़ दिया था। पुलिस ने अपहरण के बाद दुष्कर्म का केस दर्ज किया था। इसी तरह बांदा के एक गांव की 16 वर्षीय किशोरी को महुआ गांव का आलोक बहला-फुसलाकर अपहरण करके ले गया था। किशोरी के पिता ने शैक्षिक प्रमाण पत्र के साथ  5,000 नगद और जेवरात ले जाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। यह कुछ घटनाएं लड़कियों के छले जाने की बानगी है। ऐसे अनेक मामले हैं,जिसमें पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की है। 

बताते चलें कि पिछले वर्ष 2021 के जनवरी से मई माह तक 66 अपहरण के मामले मंडल में दर्ज किए गए थे। जिसमें मंडल के हमीरपुर जनपद व बांदा में इन अपराध के आंकड़े अन्य जनपदों से आगे रहे हैं। यहां 20-20 मामले दर्ज किए गए थे। इसी तरह पिछले वर्ष की तुलना में इन्हीं 5 माह में वर्ष 2022 में हमीरपुर में सर्वाधिक 24 अपहरण के मामले दर्ज किए गए और मंडल के चारों जिलों में इसी अवधि में 68 मामले दर्ज किए गए। इस तरह पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष के पांच माह को जोड़ा जाए तो 10 माह में 134 अपहरण की घटनाएं हुई हैं। मंडल के चित्रकूट जनपद में भी लड़कियों के अधिक ज मामले प्रकाश में आ रहे हैं। यहां 2022 में 5 माह के दौरान 19 मामले दर्ज हो चुके हैं।

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पुलिस सूत्रों की माने तो अपहरण होने वाली लड़कियों में 18 वर्ष से कम उम्र की बेटियां व युवती शामिल है। इस बारे में पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह घटनाएं मल्टीमीडिया मोबाइल के चलन बढ़ने व इंटरमीडिएट मीडिया में अनजान लोगों से चौटिंग करने के कारण दुष्परिणाम के रूप में सामने आ रहा है। इसमें कुछ लड़कियों के करीबी भी आरोपित के रूप में प्रकाश में आ रहे हैं। अभिभावक घरों में इनके ज्यादा इस्तेमाल में रोक लगाएं तो घटनाओं पर अंकुश लग सकता है। 

वहीं उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती प्रभा गुप्ता का कहना है कि पिछली सरकारों में इस तरह की जो घटनाएं होती थी। वह दबा दी जाती थी। अब पुलिस मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई करती है। जिससे यह मामले ज्यादा नजर आ रहे हैं। उन्होंने भी माना कि इस तरह की घटनाओं का मुख्य कारण मल्टीमीडिया मोबाइल का बढ़ता चलन और इंटरनेट मीडिया में चौटिंग है लेकिन कहा इस पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मिशन शक्ति अभियान के तहत बेटियों को जागरूक किया जा रहा है ताकि वह किसी भ्रम जाल में न फंसे। साथ ही जो लड़कियां रेप का शिकार होती हैं उन्हें महारानी लक्ष्मी बाई योजना के अंतर्गत मदद भी दी जा रही  है। ऐसे 194 मामले हैं, जिसमें दुष्कर्म की शिकार लड़कियों को सरकार द्वारा मदद दी गई है।

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