बुंदेलखंड की इन अधूरी पड़ी रेल परियोजनाओं को मिलेगी रफ्तार

केंद्र सरकार द्वारा रेल बजट आने के बाद उत्तर मध्य रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2022- 23 के लिए नई और पुरानी परियोजनाओं को बजट निर्धारित..

बुंदेलखंड की इन अधूरी पड़ी रेल परियोजनाओं को मिलेगी रफ्तार
फाइल फोटो

बांदा, 

केंद्र सरकार द्वारा रेल बजट आने के बाद उत्तर मध्य रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2022- 23 के लिए नई और पुरानी परियोजनाओं को बजट निर्धारित कर दिया है। इससे बुंदेलखंड की लगभग 24 परियोजनाओं को संजीवनी मिलेगी। इनमें बरसों से लंबित पड़े ट्रैक का दोहरीकरण, नई लूप लाइने और कई स्थानों पर अंडरपास निर्माण को गति मिलेगी। रेलवे लाइन का दोहरीकरण होने से ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी तथा ट्रेनों की रफ्तार में भी इजाफा होगा।

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बुंदेलखंड की कई परियोजनाएं वर्षों से धन के अभाव में लंबित पड़ी हैं जिससे अधूरी परियोजनाओं को गति नहीं मिल पा रही है। इस वर्ष रेल बजट आने के बाद उत्तर मध्य रेलवे ने पुरानी योजनाओं के लिए बजट में निर्धारित कर दिया है। नए वित्तीय वर्ष में अधूरे पड़े कार्यों के लिए ढाई अरब रुपए व्यय किए जाएंगे। इस धनराशि से झांसी से मानिकपुर तक 411 किलोमीटर ट्रक का दोहरीकरण का काम पूरा कराया जाएगा।

नई लूप लाइने, अंडरपास निर्माण और लाइनों का विस्तार किया जाएगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण कार्य झांसी खैराड़ा, मानिकपुर भीम सेन तक 411 किलोमीटर रेलवे लाइन का दोहरीकरण है। जो कई वर्षों से लंबित पड़ा है। इस कार्य की स्वीकृति बहुत पहले मिल चुकी है लेकिन बजट के अभाव में इस परियोजना को गति नहीं मिल पाई। इस पर कुल लागत 15 अरब आएगी।

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  • यह अधूरी पड़ी परियोजनाएं

इसके अलावा अधूरी पड़ी जिन परियोजनाओं को पूरा किया जाना है। उनके बारे में स्टेशन मास्टर श्रीकृष्ण कुशवाहा ने बताया कि मटौंध-कबरई में शार्ट लूप लाइन का विस्तार, इंटरलाकिंग आदि,डिंगवाही-शिवरामपुर के बीच दूसरी लूप लाइन,बदौसा-चित्रकूट-खोह में दूसरी लूप लाइन, बांदा-मानिकपुर रूट पर पांच स्टेशनों पर रंगीन सिग्नल, झांसी-बांदा रूट पर इंटरलाकिंग और उच्चीकरण झांसी-मानिकपुर रूट के गेट-497 में 2 लेन ओवरब्रिज निर्माण,खैराडा-मानिकपुर व मानिकपुर-इलाहाबाद रूट पर 11 क्रासिंग में अंडरब्रिज निर्माण,झांसी-खैराडा व खैराडा-इंगोहटा रूट पर 18 अंडर ग्राउंड सड़क पुल निर्माण,हमीरपुर-घाटमपुर पुल का पुनर्निर्माण और रेल पथ का ऊंचा करना

झांसी-बांदा रूट में 192 किलोमीटर बीएसएनएल की छह क्वायड केबिल, झांसी-मानिकपुर व बांदा-भीमसेन (398 किलोमीटर), महोबा-खजुराहो व ललितपुर-खजुराहो आदि सात खंडों में नील बाल टोकन उपकरण बांदा-भीमसेव के बीच पांच स्टेशनों पर ब्लाक पैनल और यांत्रिक सिग्नल का बदलाव,चित्रकूट-कर्वी-खजुराहो आदि 6 प्लेटफार्मों पर सायबान (शेड), बांदा-चित्रकूट में सफाई व्यवस्था सहित एप्रान व झांसी-बांदा-मानिकपुर-खैराडा-भीमसेन में ब्लाक पैनल का बदलाव शामिल है। इसी तरह झांसी-खैराडा व खैराडा-इंगोहटा रूट पर 18 निचले सड़क पुल, खैराडा-भीमसेन व खैराडा-मानिकपुर और महोबा व खैरार जंक्शन (61 किमी) में टीबीआर, झांसी-मानिकपुर रूट पर 115 किमी पर टीबीआर, झांसी-मानिकपुर (170 किमी) एकल लाइन में टीडब्ल्यूआर और महोबा-बांदा-उरई-मुरैना में यात्री रैंप का निर्माण शामिल है।

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