देश भर में चर्चित रेप कांड की घटना से यह विधानसभा क्षेत्र सुर्खियों में रहा

जनपद बांदा में नरैनी विधानसभा क्षेत्र वैसे तो लोधी समुदाय के सर्वमान्य नेता डॉ सुरेंद्र पाल वर्मा के नाम से जाना जाता था..

देश भर में चर्चित रेप कांड की घटना से यह विधानसभा क्षेत्र सुर्खियों में रहा

जनपद बांदा में नरैनी विधानसभा क्षेत्र वैसे तो लोधी समुदाय के सर्वमान्य नेता डॉ सुरेंद्र पाल वर्मा के नाम से जाना जाता था। लेकिन शीलू रेप कांड और दस्यु सरगना ठोकिया की मां के  विधानसभा चुनाव  लड़ने से यह क्षेत्र सुर्खियों में बना रहा।वही शीलू रेप कांड के कारण बसपा विधायक की न सिर्फ विधायकी चली गई बल्कि उन्हें 10 वर्ष की कैद हुई और जेल में रहने के कारण ही बीमार होने से उनकी मौत हो गई।

नरैनी के एक छोटे से गांव शाहबाजपुर की रहने वाली शीलू निषाद के पिता बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता थे। उन्हें बांदा नरैनी विधानसभा से निर्वाचित पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी का करीबी माना जाता था। विधायक ने अपने घर पर 17 वर्षीय शीलू को हवस का शिकार बनाया था। यह घटना देश भर में चर्चित हुई। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी उनसे मिलने उसके गांव गए थे।

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मुकदमा दर्ज होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से 10 वर्ष की सजा हुई। किडनी खराब होने के कारण उन्हें जेल से जमानत मिली और पिछले वर्ष उनका निधन हो गया। शीलू को इस समय भी पुलिस सुरक्षा मिली हुई है वह रिवाल्वर खोंस कर गांव में निकलती है। उसने प्रधानी का चुनाव भी लड़ा लेकिन पराजय का मुंह देखना पड़ा।

दूसरी बार यह क्षेत्र उस समय चर्चा में आया जब 2007 के विधानसभा चुनाव में ठोकिया की मां पियरिया देवी ने राष्ट्रीय लोक दल से चुनाव लड़ा।उस समय पांच लाख के इनामी डकैत ठोकिया ने अपने गिरोह के साथ दिनदहाड़े कस्बा व आसपास वाले गांव में धावा बोलकर अपनी मां का खुलेआम प्रचार किया। यह शिकायत जब निर्वाचन आयोग तक पहुंची तो पुलिस ने मतदान के एक हफ्ते के अंतराल में पियरिया के सभी प्रचार वाहन जप्त कर लिए और मतगणना में पुलिस ने उनके एजेंट तक को घुसने नहीं दिया था।

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जब मतगणना हुई तो बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रहे पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी को जीतना मुश्किल हो गया। काफी उतार-चढ़ाव के बाद मात्र 3000 मतों से चुनाव जीत पाए थे। उस समय पियरिया देवी को 27,251 वोट मिले थे और वह दूसरे स्थान पर रही थी। कहा जाता है कि अगर पुलिस ने उनके प्रचार वाहन जब्त न किए होते तो  पियरिया देवी विधायक बनने में सफल हो जाती। पियरिया ने उस समय आरोप लगाया था कि पुलिस और प्रशासन ने अपनी नाक बचाने के लिए मतगणना में उलटफेर करा कर उसे हराया है।

इन दो घटनाओं के कारण नरैनी विधानसभा क्षेत्र सुर्खियों में रहा हालांकि इसके पहले लोधी समाज के नेता सुरेंद्र पाल वर्मा इस निर्वाचन क्षेत्र काफी लोकप्रिय रहे।उन्होंने 5 बार इस क्षेत्र से चुनाव जीता था और राज्य सरकार में मंत्री भी बने थे। उनके निधन के बाद लोधी समुदाय से किसी प्रत्याशी को जीत नहीं मिली। रेप कांड के कारण बीएसपी को भी नुकसान उठाना पड़ा।पिछले चुनाव में यहां से बसपा को हराकर भाजपा के राज करण कबीर विधायक चुने गए थे।

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