जल संस्थान को पटरी पर लाने के लिए मण्डलायुक्त हुए सख्त, मची खलबली

मण्डलायुक्त अजय शंकर पाण्डेय ने झांसी मंडल का कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत से झांसी डिवीजन जल संस्थान की कार्यप्रणाली..

जल संस्थान को पटरी पर लाने के लिए मण्डलायुक्त हुए सख्त, मची खलबली
जल संस्थान

कहा, पम्प ऑपरेटरों की गैर हाजिरी पर ठेकेदार के भुगतान से होगी कटौती और अधिशासी अभियंता पर कार्यवाही

मण्डलायुक्त अजय शंकर पाण्डेय ने झांसी मंडल का कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत से झांसी डिवीजन जल संस्थान की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिये एक अभियान छेड़ रखा है। अभियान की पहली कड़ी में पम्प ऑपरेटरों एवं बाल्बमेन की उपस्थिति सुनिश्चित करने का अभियान चलाया गया है।

मण्डलायुक्त अजय शंकर पाण्डेय

महीने के अंत में पम्प ऑपरेटर की उपस्थिति के प्रतिशत के आधार पर ही सम्बन्धित ठेकेदार को भुगतान करने के कड़े निर्देश मण्डलायुक्त द्वारा जारी किये गये हैं। यही नहीं, पम्प ऑपरेटरों एवं बाल्बमेन की अनुपस्थिति के लिये जूनियर इंजीनियर से लेकर अधिशासी अभियंता तक की जवाबदेही भी माह के अंत में सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है।

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जल संस्थान में पम्प संचालन के दौरान मोटर फुंकने के बहुत से मामले प्रकाश में आते हैं। मोटर फुंकने और उसकी मरम्मत के नाम पर लाखों रूपये प्रतिमाह खर्च किये जाते हैं। इस पर लगाम लगाने के लिये मण्डलायुक्त ने प्रत्येक पम्प पर लगी मोटर का डोजियर तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं, जिसमें मोटर कब खरीदी गई, मोटर किससे खरीदी गई, मोटर की कीमत क्या है, मोटर की गारंटी/वारंटी की अवधि, मोटर पहली बार कब खराब हुई, मोटर किससे बनवायी गई, मोटर कितने में बनवायी गई, इसी प्रकार मोटर दूसरी, तीसरी बार कब खराब हुई आदि का विवरण डोजियर में लिखा जायेगा।

अंत में प्रत्येक मोटर पर हुये खर्च का आंकड़ा भी तैयार किया जा रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सत्यापन जल संस्थान के कर्मचारियों से नहीं बल्कि नगर निगम और समस्त नगर पालिकाओं के अधिशासी अधिकारियों के माध्यम से तैयार कराया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह कार्य डीपीआरओ को दिया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि, अनुरक्षण के नाम पर प्रतिमाह 96 लाख रूपये जल संस्थान के विभिन्न डिवीजनों पर व्यय किये जाते हैं। परन्तु उसका बड़ा हिस्सा मोटर मरम्मत पर खर्च होता है।

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मण्डलायुक्त ने इस सत्यापन के बाद दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने का मन बना रखा है। मण्डलायुक्त ने जल संस्थान की देनदारियों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश महाप्रबन्धक, झांसी डिवीजन जल संस्थान को दिया हैं। प्रारम्भिक रूप से इसमें कर्मचारियों की देनदारियां 5185.64 लाख रुपये, ठेकेदारों की देनदारियां 2083.13 लाख रूपये है। 

मण्डलायुक्त ने कर्मचारियों की लंबित देनदारियों और ठेकेदारों की लंबित देनदारियां के अलग-अलग वर्षवार विस्तृत विवरण मांगे हैं। यह विवरण प्राप्त होने के बाद देनदारियां सृजित करने के लिये जिम्मेदार अधिकारियों को चिन्हित किया जायेगा। कुल मिलाकर मण्डलायुक्त के इन निर्णयों से जल संस्थान में खलबली की स्थिति बनी हुई है।

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हि.स

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