पत्रकारिता के सितारा बने दिवंगत पत्रकार अरुण खरे को श्रद्धांजलि

सुरेशचंद्र गुप्ता मेमोरियल प्रेस क्लब में गुरुवार को दिवंगत नामचीन पत्रकार अरुण खरे की श्रद्धांजलि सभा आयोजित...

पत्रकारिता के सितारा बने दिवंगत पत्रकार अरुण खरे को श्रद्धांजलि

सुरेशचंद्र गुप्ता मेमोरियल प्रेस क्लब में गुरुवार को दिवंगत नामचीन पत्रकार अरुण खरे की श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई। वरिष्ठ पत्रकार रामेश्वर गुप्ता और जयनारायण मिश्रा की संयुक्त अध्यक्षता में खरे के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालने के साथ ही नवोदित पत्रकारों से उनके दिखाए रास्ते पर चलने का आवाहन कर पत्रकारीय मूल्यों के न्यूनतम निर्वहन पर जोर दिया गया।

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लंबे अरसे बाद प्रेस क्लब में सीमित किंतु सच्चे पत्रकारों का जमावड़ा दिखा। दरअसल अवसर ही सच्चे पत्रकार को श्रद्धांजलि देने का था। नरैनी जैसे छोटे से कस्बे से पत्रकारिता का सफर शुरू कर वाया बांदा जिला मुख्यालय देश की राजधानी दिल्ली में अपनी कलम का झंडा गाड़ने वाले अरुण खरे बीते मंगलवार को मामूली बीमारी के बीच चल बसे। बुधवार को बांदा के मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार हुआ और आज बांदा के पत्रकारों ने उन्हें सामूहिक श्रद्धांजलि दी।

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वरिष्ठ पत्रकार ओम तिवारी ने खरे की अंग्रेज दा शक्ल ओ सूरत के हवाले से अनेक रोचक स्थितियों का जिक्र कर उनके शानदार पत्रकारीय सफर के अनेक पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्र जीवन में खरे के विद्यार्थी परिषद से जुड़ाव और उत्तरोत्तर बढ़ते गए वापपंथी झुकाव को पूरी बारीकी से रेखांकित किया। खरे को पत्रकारिता में लाने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुधीर निगम उन पर बोलते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि महज लगन की बदौलत कस्बे से निकला कोई लड़का कैसे देश की राजधानी में पत्रकारिता का सितारा बन जाता है

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इसे अरुण खरे से जाना और समझा जा सकता है। इस बात को जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय ने और बेहतर ढंग से आगे बढ़ाया। उन्होंने खुद से जुडे़ अनेक मार्मिक प्रसंगों का उल्लेख कर खरे की दरियादिली और सदाशयता को उजागर किया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रद्युम्न दुबे लालू ने खरे को बेहतरीन पत्रकार के साथ नेक इंसान और अपना मार्गदर्शक बताया। बांदा प्रेस क्लब अध्यक्ष दिनेश निगम दद्दा ने खरे से जुडे़ संस्मरण साझा किए। रामेश्वर गुप्ता ने अध्यक्षीय संबोधन में विस्तार से खरे की काबिलियत बयान की।

 सारे संबोधनों के बीच कार्यक्रम का संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार गोपाल गोयल ने अलग ही छाप छोड़ी। संस्मरणों के हवाले से उन्होंने रुलाने और गुदगुदाने का सिलसिला जारी रखा। कार्यक्रम में धाकड़ पत्रकार अशोक निगम, राजकुमार पाठक, राजेंद्र शुक्ला, दिलीप गुप्ता, धर्मेंद्र सिंह गौतम, मनोज गुप्ता, अरविंद सिंह, सचिन चतुर्वेदी, सुनील गुप्ता, कमल भाई और केके गुप्ता आदि अनेक पत्रकार उपस्थित रहे। युवा पत्रकार देवेंद्र देव निगम व उनके अनुज का सहयोग सराहनीय रहा।

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