कृषि विश्वविद्यालय के दो केन्द्र जालौन व महोबा उत्तम कार्य के लिये पुरस्कृत 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कानपुर द्वारा 15-17 जून, 2021 को 28वें वार्षिक..

कृषि विश्वविद्यालय के दो केन्द्र जालौन व महोबा उत्तम कार्य के लिये पुरस्कृत 
कृषि विश्वविद्यालय, बांदा

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कानपुर द्वारा 15-17 जून, 2021 को 28वें वार्षिक जोनल कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में समीक्षा के दौरान कृषि विश्वविद्यालय बाँदा के अन्तर्गत संचालित दो कृषि विज्ञान केन्द्रों जालौन एवं महोबा को क्रमशः बीज उत्पादन व टीएसपी परियोजना में उत्तम कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया है।

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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्रों के द्वारा किये जा रहे कार्यों के मूल्यांकन हेतु जोनल स्त्तर पर प्रति वर्ष कार्यशाला आयोजित किया जाता है। जोन-3 जिसमें उत्तर प्रदेश के कुल 88 कृषि विज्ञान केन्द्र आते हैं। विश्वविद्यालय के लिये यह पहला अवसर है कि कृषि विज्ञान केन्द्र को इन दोनों क्षेत्रों में पुरस्कृत किया गया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्रों को पुरस्कृत किये जाने पर कृषि विश्वविद्यालय बाँदा के कुलपति डा. यू.एस. गौतम ने कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्ष एवं उनकी पुरी टीम को बधाई दी है। कृषि विश्वविद्यालय बाँदा के सह निदेशक प्रसार डा. नरेन्द्र सिंह ने कृषि विज्ञान केन्द्र महोबा एवं जालौन के सभी वैज्ञानिकों को पुरस्कार प्राप्त करने पर बधाई दी है और कहा की दोनो ही पुरस्कार अति महत्वपूर्ण हैं। डा. सिंह ने यह भी कहा की हमारे सभी वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ा है। 

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कृषि विज्ञान केन्द्र जालौन द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष अधिक बीज उत्पादन एवं वितरण करने के लिए पुरस्कृत किया गया। भारत सरकार के महत्वाकांक्षी परियोजना बुन्देलखण्ड को दलहन हब बनाने को कृषि विज्ञान केन्द्र में सीड हब परियोजना संचालित है। केन्द्र द्वारा कृषक सहभागिता के माध्यम से बीज उत्पादित कर कृषकों के लिये सुलभ कराया गया।

बीज उत्पादन कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रमुख रूप से दलहनी फसलों में चना, मसूर, मटर, मूंग, उर्द एवं अन्न वाली फसलों में गेंहूँ के अधिक उत्पादन देने वाली संस्तुत प्रजातियों का बीज उत्पादन किया जाता है। कृषि विज्ञान केन्द्र महोबा द्वारा भारत सरकार के महत्वाकांक्षी परियोजना में से एक आदिवासी उपयोजना (टीएसपी परियोजना) के माध्यम से आदिवासीय परिवारों को रोजगारोन्मुखी बनाने को प्रेरित करने के साथ-साथ प्रशिक्षण एवं अन्य सहायता प्रदान की जाती है।

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केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा कृषि एवं कृषि के क्षेत्र से जुड़े विभिन्न गतिविधियों में आय वृद्धि करने हेतु संसाधन उपलब्ध कराना, प्रशिक्षण देना, आदान वितरण करना एवं परामर्श देने का कार्य किया जाता है। कार्यशाला आनलाईन माध्यम से आयोजित किया गया था। कार्यशाला के मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के उप महाप्रबन्धक, कृषि प्रसार डा. ए.के. सिंह थे।

विशिष्ट अतिथि के रूप में उ.प्र के सभी कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति जिसमें कृषि विश्वविद्यालय बाँदा से डा. यू.एस. गौतम, च.शे.आ.कृ.विवि., कानपुर के डा. डी.आर. सिंह, आ.नरे.देव कृ. विवि., अयोध्या के डा. बिजेन्द्र सिंह, स.ब.भा.प. कृ. विवि., मेरठ के डा. आर.के. मित्तल तथा अतिथि के रूप में सभी कृषि विश्वविद्यालयों के निदेशक प्रसार उपस्थित रहे।

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