यूपी सरकार ने लिया अहम फैसला, बुंदेलखंड में पर्यटन से क्षेत्रीय लोगों को मिलेगा रोजगार

पर्यटन उद्योग को निजी क्षेत्र की सहभागिता का संबल देने के लिए यूपी सरकार ने अहम फैसला किया है..

यूपी सरकार ने लिया अहम फैसला, बुंदेलखंड में पर्यटन से क्षेत्रीय लोगों को मिलेगा रोजगार

झांसी, 

पर्यटन उद्योग को निजी क्षेत्र की सहभागिता का संबल देने के लिए यूपी सरकार ने अहम फैसला किया है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2018 के तहत पर्यटन इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन (इंसेंटिव) सुविधाएं और छूट देने के लिए नीति में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर किया। यह जानकारी जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने दी। जिलाधिकारी ने बताया कि अब बुंदेलखंड को पर्यटन के मानचित्र पर अपनी आभा बिखेरने से कोई नहीं रोक सकेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए पर्यटन स्थलों का विकसित होना बेहद महत्वपूर्ण है और सरकार की यह नीति है कि निजी क्षेत्र के लोग इस क्षेत्र में आगे आए और क्षेत्र के विकास में अपना सहयोग करें।

कोविड महामारी में पस्त हुए पर्यटन उद्योग को निजी क्षेत्र की सहभागिता का संबल देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अहम फैसला किया है। नए होटल, रेस्टोरेंट, रिसार्ट आदि के लिए अनुदान की पुरानी योजना में जरूरी संशोधन करते हुए सरकार ने तय किया है कि यदि कोई निवेशक पर्यटन विभाग की संपत्ति को लीज पर लेना चाहता है तो उसे भी अनुदान दिया जाएगा। इसके साथ ही अविकसित क्षेत्र में रिसार्ट, होटल आदि बनाने पर विकास शुल्क और भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क से भी छूट दी जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2018 के तहत पर्यटन इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन (इंसेंटिव), सुविधाएं और छूट देने के लिए नीति में संशोधन का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया।

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उन्होंने बताया कि कोरोना काल में पर्यटन के क्षेत्र को काफी नुकसान हुआ है। सरकार चाहती है कि निवेशकों को पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाए। नई पर्यटन इकाइयों (होटल, रेस्टोरेंट, रिसार्ट आदि) के निर्माण के लिए अनुदान की योजना तीन वर्ष से चल रही है। इसमें करीब 45 लाख रुपये वार्षिक बजट भी रखा गया, लेकिन कोरोना संक्रमण और नीति में कुछ अस्पष्टता की वजह से पर्यटन उद्यमी इसका लाभ नहीं ले सके। अब तय किया है कि यदि कोई शहरी इलाके से दूर ऐसे क्षेत्र में रिसार्ट या होटल बनाता है, जहां अवस्थापना सुविधाएं नहीं हैं तो वहां उद्यमी से शपथ पत्र लिया जाएगा कि वह खुद अवस्थापना सुविधाएं विकसित करेंगे।

उस स्थिति में उनसे विकास शुल्क और भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा पर्यटन विभाग की तमाम संपत्तियां अब यदि कोई निवेशक उन्हें लीज पर लेकर पीपीपी माडल पर विकसित कर संचालित करेगा तो उन्हें भी निर्धारित अनुदान दिया जाएगा। नीति में प्रविधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति हाईवे, एक्सप्रेसवे या स्टेट हाईवे के किनारे सर्वसुविधायुक्त ढाबा खोलता है तो वह भी अनुदान का पात्र होगा। विलेज टूरिज्म, हैरिटेज टूरिज्म, लाइट एंड साउंड शो शुरू करने सहित पर्यटन प्रोत्साहन की ऐसी सभी गतिविधियों पर अनुदान दिया जाएगा। सरकार मानती है कि लोक कला और परंपराएं पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इनका संरक्षण कर रही संस्थाओं को भी प्रोत्साहन राशि मिलनी चाहिए। कैबिनेट ने तय किया है कि ऐसी संस्थाओं को पांच लाख रुपये तक की वित्तीय मदद दी जाएगी।

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जिलाधिकारी ने नई पर्यटन नीति के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्र में दी जा रही छूट के बारे में बताया कि कैम्पिंग साइट व फिक्सड टेंट यूनिट की स्थापना पर कैम्पिंग और टेंटसुविधाओं में कम से कम 1000 वर्ग मीटर का खुला मैदान एवं न्यूनतम 20 व्यक्तियों के लिए टेंट आवास क्षमता न्यूनतम 10 टेंट, निवेश के लिए न्यूनतम 20 लाख की परियोजना में 25 प्रतिशत सब्सिडी, जिसकी अधिकतम सीमा 50 लाख तक होगी। इसी क्रम में पर्यटन के दृष्टिकोण से प्रदेश, बुंदेलखंड के नदी, जलाशय, झील, तालाब में संचालन प्रारम्भ करने वाली रिवर क्रूज, याच, हाउसबोट,नाव, फेरारी एवं अन्य जल की क्रीड़ाओं को पर्यटन नीति-2018 के अंतर्गत गठित समिति के अनुमोदनोपरान्त पंजीकरण कर संचालन प्रारम्भ करना अनुमन्य ।

इसी प्रकार वाइल्ड लाइफ एवं इको टूरिज्म इको टूरिज्म रिसोर्ट इकाईयों के लिए पूंजीगत अनुदान की सीमा 25 प्रतिशत है, जिसमें अधिकतम देय सब्सिडी की सीमा 10 करोड़ होगी। उक्त यूनिट को बफर जोन के अंदर निर्माण के लिए वन विभाग से सभी अनापत्ति प्राप्त करने के उपरान्त व संबंधित वाइल्ड लाइफ सेंचुरी नेशनल पार्क की बाउण्ड्री से 10 किमी के अंदर निर्माण किये जाने पर ही स्थापित इकाई सब्सिडी के लिए अर्ह होंगी।

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हि.स

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