डाकू ददुआ के बाद ठोकिया पर बनेगी वेब सीरीज, इरफान का बेटा बनेगा ठोकिया

चंबल घाटी में चर्चित रह चुके ज्यादातर डकैतों पर फिल्म बन चुकी है। वह चाहे फूलन देवी हो या पान सिंह। इनके बाद कई दशक तक पाठा के जंगल के ...

डाकू ददुआ के बाद ठोकिया पर बनेगी वेब सीरीज, इरफान का बेटा बनेगा ठोकिया

बांदा,

चंबल घाटी में चर्चित रह चुके ज्यादातर डकैतों पर फिल्म बन चुकी है। वह चाहे फूलन देवी हो या पान सिंह। इनके बाद कई दशक तक पाठा के जंगल के बेताज बादशाह रहे शिव कुमार उर्फ ददुआ और अंबिका पटेल  उर्फ ठोकिया पर बॉलीवुड की नजर बनी हुई है। 3 साल पहले ददुआ के जीवन पर आधारित तानाशाह फिल्म बनाई गई थी। अब इसी इलाके में खूंखार डकैत ठोकिया के जीवन पर आधारित वेब सीरीज बनाने की तैयारी चल रही है। जल्दी ही दर्शक अपने मोबाइल में इसे देख सकते हैं।

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बांदा के छोटे से कस्बे बदौसा के रहने  वाले फिल्म निर्माता इरशाद खान ने बताया कि डाकू ठोकिया के जीवन आधारित स्टोरी हर कोई जानना चाहता है। वह डकैत कैसे बना? क्या केवल डकैती और आतंक ही उसकी पहचान थी या इसके जीवन में कुछ ऐसा भी था जो लोगों को भावनात्मक ढंग से जोड़ता था? इन्हीं सब बातों को लेकर अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया पर वेब सीरीज बनाने की तैयारी चल रही है। जल्दी ही इसकी शूटिंग बांदा और चित्रकूट के जंगलों में की जाएगी। जहां सक्रिय रहकर ठोकिया ने अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया।उन्होंने कहा कि डाकू ददुआ के मारे जाने के बाद डाकू ठोकिया ने एसटीएफ के आधा दर्जन से ज्यादा जवानों पर हमला बोलकर उनकी हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद ठोकिया सुर्खियों में आया था। हालांकि 2008 में उसका पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। 

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इस घटना के बाद मेरे जेहन में ठोकिया के जीवन पर आधारित फिल्म बनाने की कहानी तैर रही थी। लॉकडाउन के दौरान मैंने ठोकिया के जीवन पर आधारित स्टोरी तैयार कर ली है। अब इसे वेब सीरीज के माध्यम से दर्शकों के बीच ले जाने की तैयारी है। उनके मुताबिक इस फिल्म में प्रमुख किरदार ठोकिया की भूमिका के लिए फिल्म पान सिंह तोमर की मुख्य भूमिका अदा करने वाले सिने अभिनेता इरफान खान के बेटे बाबिल खान से बातचीत हुई है उन्हें मैंने स्टोरी भी सुना दी है।

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प्रोड्यूसर इरशाद खान बताते हैं कि उनके पिता 3 दशक पहले मुझे यहां से मुंबई ले गए थे, जहां मेरी परवरिश हुई। कादर खान और उनके साथ के लोगों के संपर्क में आने के बाद में थिएटर से जुड़ गया। करियर की शुरुआत में उन्हें बिल्कुल भी सफलता नहीं मिली लेकिन तीन दशक की कड़ी मेहनत के बाद अब वह पीछे मुड़कर अपने करियर की उपयोग देखते हैं तो उन्हें खुशी मिलती है।

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