कौन है मुकीम काला, जो चित्रकूट जेल के अन्दर मारा गया

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कैराना पलायन मुद्दा आपको याद है? दरअसल कैराना पलायन का मुख्य मास्टरमाइंड मुकीम काला..

कौन है मुकीम काला, जो चित्रकूट जेल के अन्दर मारा गया
मुकीम काला गैंगस्टर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कैराना पलायन मुद्दा आपको याद है? दरअसल कैराना पलायन का मुख्य मास्टरमाइंड मुकीम काला हो ही बताया जाता है। मुकीम काला एक कुख्यात अपराधी है, जो लगभग 6 साल पहले मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालता था, फिर क्या हुआ कि मुकीम काला आतंक की दुनिया का एक बड़ा नाम बन गया।

आईये सिलसिलेवार जानते हैं मुकीम काला के बारे में, लेकिन उसके पहले हम आपको बता दें कि आज चित्रकूट जिला कारागार में सुबह ही मुकीम काला और उसके एक साथी मेराजुद्दीन को मार गिराया गया। सूत्रों के अनुसार जेल के अन्दर ही अंशुल दीक्षित नाम के कैदी ने मुकीम काला और मेराजुद्दीन पर कई गोलियां दागीं, गोलियां दागते ही हरकत में आई जेल पुलिस ने भी इस खूनी संघर्ष को रोकने की कोशिश में अंशुल दीक्षित पर गोलियां दागीं।

इस संघर्ष में अंशुल दीक्षित की गोलियों से मुकीम काला और मेराजुद्दीन की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि इस कार्यवाही को रोकने में जेल पुलिस ने अंशुल दीक्षित को मार गिराया। इसके बाद वहां पूरे मण्डल के अधिकारी मौके पर पहुंच गये हैं। पूरी जिला जेल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

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  • अब आपको बताते हैं कि मुकीम काला का आपराधिक इतिहास क्या है?
  • मुकीम काला यूपी के शामली जिले के कैराना क्षेत्र के गांव जहानपुरा का निवासी था।
  • 12 साल पहले मुकीम काला मकान निर्माण में मजदूरी किया करता था।
  • सबसे पहले मुकीम काला का नाम हरियाणा के पानीपत में एक मकान में हुई डकैती में सामने आया था। इसमें उसे जेल भी हुई थी।
  • जेल में उसकी मुलाकात सहारनपुर के मुस्तफा उर्फ कग्गा से हुई थी, मुकीम काला ने कग्गा गैंग में शामिल होने की इच्छा जताई।
  • जेल से बाहर आते ही मुकीम काला ने अपना नेटवर्क बढ़ाया और चोरी और राहजनी के काले धंधे में उतर गया।
  • मुकीम के कग्गा गैंग में शामिल होने के बाद कग्गा गैंग और मजबूत हो गया था।
  • पश्चिमी यूपी के अलावा पानीपत और देहरादून तक मुकीम ने अपना खौफ फैला रखा था।
  • पुलिस के राडार पर आने के बाद इस गैंग ने पुलिस पर भी हमले शुरू कर दिये।
  • दिसम्बर 2011 में कग्गा के एनकाउंटर के बाद मुकीम काला ने गिरोह की कमान संभाली।
  • मुकीम काला के गैंग में डेढ़ दर्जन से अधिक बदमाश थे। और दो ही वर्षों में इस गिरोह ने ताबड़तोड़ हत्या, लूट, रंगदारी समेत कई जघन्य वारदातों को अंजाम दे दिया।
  • पुलिस ने उसे कई बार पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो जाता था।
  • 6 साल पहले पुलिस ने मुकीम काला को उसके साथी साबिर के साथ गिरफ्तार किया था।
  • शामली पुलिस के अनुसार, मुकीम काला को गिरफ्तार करने के बाद सहारनपुर जेल में रखा गया था। 

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इसी वर्ष फरवरी में मुकीम काला की मां मीना ने हाईकोर्ट में एक पत्र देकर अपने बेटे मुकीम काला के एनकाउंटर का खतरा जताया था। क्योंकि उसे यूपी की योगी सरकार द्वारा कुख्यात अपराधियों के विरूद्ध की जा रही कार्यवाही से चिंता होने लगी थी।

लेकिन बाद में उसे महाराजगंज जिले की जेल में शिफ्ट किया गया। जहां से हाल ही में उसे चित्रकूट की जिला जेल में लाया गया था। मुकीम काला भले ही जेल में हो लेकिन उसके साथी अब भी उसके लिए वसूली कर रहे हैं। मुकीम काला गिरोह का मुख्य काम लूट, हत्या, डकैती और जबरन रंगदारी वसूल करना था। पुलिस के अनुसार, वर्तमान में मुकीम काला पर यूपी, उत्तराखण्ड और हरियाणा के अलग-अलग थानों में करीब 62 मुकद्में दर्ज हैं

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मुकीम काला गैंग ने 15 फरवरी 2015 को सहारनपुर में तनिष्क के ज्वैलरी शोरूम में डकैती डाली थी। उसी दौरान उसने दो सगे भाईयों की तथा एक सिपाही राहुल ढाका की हत्या भी की थी। कुछ समय बाद 20 अक्टूबर 2015 को एसटीएफ ने मुकीम काला और उसके शार्प शूटर साबिर को गिरफ्तार कर लिया था।

तब से मुकीम काला यूपी की विभिन्न जेलों में रखा जाता रहा। इस दौरान मुकीम काला को राजनीतिक संरक्षण भी मिलना शुरू हो गया था। पर 2017 में सत्ता परिवर्तित होते ही मुकीम के बुरा समय शुरू हो गया। यूपी की योगी सरकार ने कुख्यात बदमाशों के खिलाफ कार्यवाही तेज की तो इसी वर्ष फरवरी में मुकीम की मां ने अपने पुत्र की हत्या कराये जाने की आशंक व्यक्त करते हुए हाईकोर्ट में गुहार लगाई।

अब सच जो भी हो, पर आज की तारीख में आतंक का पर्याय मुकीम काला मारा जा चुका है। मुकीम के मारे जाने से उसका गैंग कमजोर हुआ है। इसी के साथ एक और बदमाश मारा गया है, जिसका नाम मेराजुद्दीन है। मेराजुद्दीन को कुख्यात माफिया और विधायक मुख्तार अंसारी का खासमखास बताया जाता है। मुख्तार अंसारी भी इस वक्त बांदा जेल में बंद है। अब इस घटना के बाद लोगों की काफी प्रतिक्रियायें आ रही हैं कि जैसे को तैसा देर में मिला पर मिल ही गया।

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