बाँदा : ड्रोन टेक्नोलॉजी से किसान फसल की बेहतर ढंग से निगरानी कर सकेंगे

राजकीय इंजीनियरिंग कालेज बांदा के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ड्रोन ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुभारम्भ सोमवार को किया गया..

बाँदा : ड्रोन टेक्नोलॉजी से किसान फसल की बेहतर ढंग से निगरानी कर सकेंगे
राजकीय इंजीनियरिंग कालेज बांदा के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ड्रोन ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुभारम्भ..

राजकीय इंजीनियरिंग कालेज बांदा के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ड्रोन ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुभारम्भ सोमवार को किया गया। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में संस्थान के 110 छात्र उपस्थित रहे। यही छात्र दस गांवों के सौ किसानों को ड्रोन टेक्नोलॉजी से प्रशिक्षित करेंगे ताकि वे अपनी फसल की बेहतर ढंग से निगरानी कर सके।

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राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा संस्थान में ड्रोन ट्रेनिंग प्रोग्राम  4 से 8 अक्टूबर तक चलेगा।  इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में क्षेत्र के आसपास के 10 गांवों के 100 किसानों को भी शामिल किया जायेगा एवं उन्हें ड्रोन टेक्नोलॉजी से होने वाले लाभ से जागरूक किया जायेगा।

भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इन्फारमेशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से आयोजित इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के द्वारा किसानों को ड्रोन का प्रयोग करके फसलों के स्वास्थ्य की निगरानी, खेतों में खरपतवार की पहचान करना, फसलों की उर्वरक क्षमता दर की निगरानी आदि के बारे में जागरूक किया जायेगा।

फसलों की निगरानी में ड्रोन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के बारे में किसानों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिससे किसान उन्नत खेती की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। ट्रेनिंग प्रोग्राम के द्वारा छात्रों को ड्रोन टेक्नोलॉजी के संचालन की पूरी जानकारी दी जायेगी, जिससे छात्रों को विभिन्न इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के द्वारा छात्र स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।

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  • भारत सरकार के उन्नत भारत योजना के तहत प्रशिक्षण

इस बारे में जानकारी देते हुए इंजीनियरिंग कालेज के डीन आशुतोष तिवारी ने बताया कि यह कार्यक्रम भारत सरकार के उन्नत भारत योजना के तहत चलाया जा रहा है। जिसके तहत हमारे संस्थान द्वारा पांच गांव गोद लिए गए हैं।

राजकीय इंजीनियरिंग कालेज बांदा के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ड्रोन ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुभारम्भ..

इन गांवों के किसानों के अलावा पांच अन्य गांव के किसानों को भी ड्रोन के महत्त्व व मानीटरिंग के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कालेज में छात्रों को ड्रोन बनाने और उन्हें उड़ाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके बाद ड्रोन से फसलों की निगरानी, सिंचाई, रोपाई के प्रोजेक्ट के बारे में भी किसानों को जानकारी दी जाएगी।

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एसपी शुक्ल, कुलसचिव डॉ. आशुतोष तिवारी, इन्फारमेशन टेक्नोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विभाष यादव, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. अनुराग चौहान एवं संस्थान के छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।

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