वाह रे मंत्री जी! बस इतनी सी गलती पर महिला की नौकरी ले ली

दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी महिला सशक्तिकरण की बात करती है। अब तो महिला आरक्षण बिल संसद में पास कराकर आधी आबादी ...

वाह रे मंत्री जी! बस इतनी सी गलती पर महिला की नौकरी ले ली

बांदा,

दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी महिला सशक्तिकरण की बात करती है। अब तो महिला आरक्षण बिल संसद में पास कराकर आधी आबादी को पूरा न्याय दिलाने का दावा कर रही है। इसी पार्टी के तिंदवारी बांदा से विधायक और प्रदेश में जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद को सिर्फ इस बात पर गुस्सा आ गया कि उनके अस्पताल पहुंचने पर नर्स ने कुर्सी नहीं छोड़ी। गुस्सा इस कदर बढ़ गया कि तत्काल प्रभाव से उसकी सेवा समाप्ति की सिफारिश कर डाली। इस पर पीड़िता मंत्री जी के आगे हाथ जोड़कर गिडगिडाती रही, लेकिन मंत्री जी को जरा भी दया नहीं आई।

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हुआं यूं कि मंत्री जी गुरुवार की रात कुर्ता पैजामा के बजाय जींस और टीशर्ट पहनकर किसी मरीज को देखने के लिए महिला चिकित्सालय पहुंच गए। जहां ग्राम गंछा के निवासी संतराम निषाद ने उन्हें बताया कि उसकी पत्नी अभिलाषा की डिलीवरी होना है। वह जिला महिला अस्पताल में भर्ती है। यह सुनकर मंत्री जी नर्स स्टाफ रूम में पहुंच गए। वहां पर ड्यूटी पर तैनात संविदा नर्स चंद्रप्रभा से उन्होंने अपना परिचय दिया। दो बार परिचय देने पर भी नर्स ने अपनी कुर्सी नहीं छोड़ी। बस इस पर, मंत्री जी का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया। उन्होंने गुस्से में फौरन सीएमओ डाक्टर एके श्रीवास्तव व महिला अस्पताल की सीएमएस डॉक्टर संगीता सिंह को तलब कर लिया। दोनों अधिकारियों के आने पर उन्होंने उनकी शान में गुस्ताखी करने वाली नर्स चंद्रप्रभा के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की बात कही।

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नर्स शायद मंत्री जी को जींस और शर्ट के कारण पहचान नहीं पाई। जब उसको हकीकत पता चली तो वह अपनी गलती मानते हुए मंत्री जी के सामने हाथ जोड़कर गिडगिडाती रही, नर्स ने  मंत्री से माफी मांगते हुए कहा कि अक्सर तीमारदार आकर बड़ा पद बताते हुए उन पर दबाव बनाते हैं, इसलिए वह समझ नहीं सकी। दोबारा गलती नहीं होगी।लेकिन मंत्री जी को उस महिला पर जरा भी दया नहीं आई। मंत्री जी के गुस्से को देखते हुए अंततः सीएमओ डाक्टर एके श्रीवास्तव ने नर्स चंद्रप्रभा की संबद्धता को समाप्त करने की कार्रवाई की। इतना ही नहीं मंत्री जी के जोर देने पर उसकी सेवा समाप्ति की संस्तुति भी कर दी। इस बारे में जिला महिला चिकित्सालय बांदा की सीएमएस डॉक्टर संगीता सिंह ने बताया कि संविदा नर्स चंद्रप्रभा की जिला महिला अस्पताल से संबद्धता को समाप्त कर दिया गया है। उसे मूल तैनाती महुआ पीएचसी में वापस भेजा गया है। उसकी सेवा समाप्ति सीएमओ द्वारा की जा रही है। वही  इस बारे में सीएमओ डॉक्टर एके श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो भी कार्रवाई स्टाफ नर्स चंद्रप्रभा के खिलाफ की गई है। वह महिला चिकित्सालय की सीएमएस द्वारा की गई है।

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बताते चलें कि यह नाटकीय की घटनाक्रम  जिला महिला चिकित्सालय में करीब 3 घंटे तक चलता रहा। इस दौरान महिला चिकित्सालय व पुरुष चिकित्सालय के तमाम कर्मचारी भी मौजूद थे। जिनका कहना था कि जरा सी भूल के लिए महिला कर्मचारी को इतनी बड़ी सजा नहीं मिलना चाहिए। अगर कोई किसी को नौकरी नहीं दे सकता तो उसकी नौकरी भी छिनने का अधिकार किसी को नहीं है।

इस दौरान अस्पताल में उनके रुकने पर ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों व तीमारदारों ने चिकित्सकों द्वारा बाहर की दवा लिखने का आरोप लगाया। जिस पर मंत्री ने सीएमओ से नाराजगी जताई। बाहर से दवा लिखने वाले चिकित्सकों व पैसे मांगने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए कहा है। उन्होंने ट्रॉमा सेंटर जाकर वहां की व्यवस्था की जांच की है। अस्पताल में गंदगी देख मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सच्चिदानंद को फटकार लगाई और अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए। जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद का कहना है कि औचक निरीक्षण के लिए गया था। तीमारदारों के आरोपों पर जब वस्तुस्थिति समझने के लिए गया तो नर्स ने अभद्र व्यवहार किया। इसे लेकर सीएमओ और सीएमएस से कार्रवाई के लिए कहा गया है। उन्होने रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए मरीज का सही से उपचार न करने का आरोप लगाया।

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