अनाथों के सहारा बने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कई योजनाओं की घोषणा

योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर में कोरोना से माता-पिता दोनों खो चुके पांच बच्चों से मुलाकात की। वह जेल रोड पर स्थित एक बाल..

अनाथों के सहारा बने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कई योजनाओं की घोषणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ / Chief Minister Yogi Adityanath

गोरखपुर,

योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर में कोरोना से माता-पिता दोनों खो चुके पांच बच्चों से मुलाकात की। वह जेल रोड पर स्थित एक बाल आश्रय गृह भी पहुंचे। दोनों मुलाकातों में उन्होंने बेसहारा बच्चों को प्यार किया और आशिर्वाद दिया। 

इस दौरान मुख्यमंत्री ने इन अनाथ बच्चों के लिए कई सरकारी योजनाओं की घोषणा भी की। बच्चों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि माता पिता का न रहना बेहद दुखदायी है, लेकिन चिंता मत करो, मैं हूं। बच्चों को प्यार दुलार के साथ उपहार देते हुए कहा, उनके साथ सरकार हर पल खड़ी है। 

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मुख्यमंत्री ने एशियन आश्रय गृह पहुंचकर वहां रह रहे 1 वर्ष से 10 वर्ष के अनाथ बच्चां से भेंट की और उनको फल एवं कपडे़ प्रदान किये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कोरोना काल खण्ड में जीवन व आजीविका बचाने का जो संघर्ष हुआ, उसके अपेक्षित व सकारात्मक परिणाम आए।

जिन बच्चों ने कोरोना के चलते अपने माता-पिता या घर के कमाऊ सदस्य को खोया है, उनके पालन-पोषण व पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठाएगी। कोरोना से लड़ाई में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश में ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ व ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज जैसे राहत कार्य संचालित किये जा रहे हैं। 

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मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के अन्तर्गत बच्चे की उम्र 18 वर्ष होने तक लीगल गार्जियन को प्रतिमाह 4,000 रु0 देने की व्यवस्था की गई है। इन बच्चों की पढ़़ाई-लिखाई के लिए बाल संरक्षण गृहों, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों व अटल आवासीय विद्यालयों के जरिये व्यापक कार्य योजना बनाई जा रही।

18 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे जो उच्च शिक्षा, तकनीकी व प्राविधिक शिक्षा के साथ जुड़े हैं, उनकी निःशुल्क शिक्षा के साथ ही उन्हें टैबलेट देने की व्यवस्था की है। निराश्रित बालिका के शादी योग्य होने पर राज्य सरकार की तरफ से उन्हें 1 लाख 1 हजार रु0 प्रदान किये जाएंगे। भारत सरकार ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए ‘पी0एम0 केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ योजना के तहत कोष की व्यवस्था की, जिसके अन्तर्गत बच्चे के 23 वर्ष के होने पर 10 लाख रु0 दिए जाएंगे। 

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मुख्यमंत्री ने कहा हमें यह ध्यान रखना होगा कि कोरोना कमजोर जरूर हुआ है, पर समाप्त नहीं हुआ है। इसके खिलाफ लड़ाई में सावधानी व जागरुकता सबसे बड़ा हथियार है। बीमारी में लापरवाही खतरनाक हो सकती है, इसलिए हमें सतर्क रहना होगा। कोरोना बीते 100 वर्षों की सबसे भीषण महामारी है।

सामूहिक प्रयासों से ही इस महामारी पर विजय प्राप्त की जा सकती है। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण ही रक्षा कवच है। देश मे दो वैक्सीन पहले से है, अगले माह तक कुछ और वैक्सीन उपलब्ध होंगी। ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ के अभियान से सबको जुड़ना होगा। इसके तहत हमारी निगरानी समितियां घर-घर जा रही हैं। 

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योगी ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश में ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ व ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज जैसे राहत कार्य संचालित किये जा रहे हैं। प्रदेश में इस योजना के माध्यम से लगभग 15 करोड़ लोगों को प्रतिमाह निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।

भारत सरकार ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए ‘पी0एम0 केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ योजना के तहत कोष की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि कोरोना से निराश्रित हुए बच्चों को हर सम्भव सहयोग प्रदान किया जाएगा। इसके लिए पूरे प्रदेश में ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ को व्यापक स्तर पर प्रारम्भ किया गया है।

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हि.स

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