जौहर ट्रस्ट के लिए सपा सरकार में दी गई 70 हेक्टेयर सरकारी जमीन योगी सरकार ने ली वापस

समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट मुहम्‍मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में अनियमितता को लेकर..

जौहर ट्रस्ट के लिए सपा सरकार में दी गई 70 हेक्टेयर सरकारी जमीन योगी सरकार ने ली वापस

लखनऊ,

आजम को झटका, अभिलेखों में जमीन पर वापस आया राज्य सरकार का नाम

समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट मुहम्‍मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में अनियमितता को लेकर योगी सरकार ने शिकंजा कस दिया है। 

नियमों व शर्तों के उल्लंघन में गड़बड़ी पर जौहर ट्रस्ट के लिए सपा सरकार में दी गई 70 हेक्टेयर सरकारी जमीन योगी सरकार ने वापस ली है। इसके साथ ही अभिलेखों में जौहर यूनिवर्सिटी की 70 हेक्टेयर जमीन पर राज्य सरकार का नाम वापस आ गया है। 

यह भी पढ़ें - बाँदा: खनिज विभाग कर रहा है खानापूर्ति धड़ल्ले से हो रहा है अवैध खनन

 जौहर ट्रस्ट के पास कुल 75 हेक्टेयर जमीन थी, जिसमें से 70 हेक्टेयर सरकारी जमीन थी। सपा सरकार में आजम के दबाव में ट्रस्ट ने शर्तों का उल्लंघन किया, जिस पर योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। इसके साथ ही ट्रस्ट को स्टाम्प शुल्क में दी गई छूट की भी अब जांच होगी। इस वजह से राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया गया था। रामपुर के जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने स्टाम्प शुल्क में नुकसान का प्रकरण राजस्व विभाग को भेज दिया है। 

दरअसल पूर्व मंत्री एवं समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां की यूनिवर्सिटी को मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट संचालित करता है। यह जमीन उसके ही नाम थी। आजम खां ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं, जबकि उनकी पत्नी रामपुर शहर विधायक डॉ. तजीन फात्मा सचिव हैं। दोनों बेटे अब्दुल्ला आजम और अदीब आजम सदस्य हैं। जौहर ट्रस्ट को 2005 में सरकार ने 12.50 एकड़ के नियम से ज्यादा जमीन खरीदने की सशर्त अनुमति दी थी।

यह भी पढ़ें - नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर की मुश्किलें बढ़ी, संपत्ति कुर्क करने के आदेश

ट्रस्ट ने कहा था कि उसकी ओर से चैरिटी का कार्य किया जाएगा और गरीब अल्पसंख्यक बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। कुछ महीने पहले शासन में ट्रस्ट द्वारा शर्तों का उल्लंघन करने की शिकायत करते हुए यूनिवर्सिटी की 12.50 एकड़ से ज्यादा की जमीन राज्य सरकार के खाते में दर्ज कराने की मांग की गई। 

रामपुर प्रशासन ने जांच की तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद जनपद में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता की अदालत में मुकदमा दायर किया गया। उन्होंने 12.50 एकड़ छोड़कर बाकी जमीन राज्य सरकार के खाते में दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद यूनिवर्सिटी की 172.99 एकड़ जमीन राज्य सरकार के खाते में दर्ज करा दी गई है। यूनिवर्सिटी के पास यूपी रेवेन्यू कोड के नियमानुसार 12.50 एकड़ जमीन ही बची है। 

यह भी पढ़ें - हमीरपुर: बुन्देलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष ने गोशाला में गंदगी देख सचिव को लगाई फटकार

आजम खां मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के संस्थापक होने के साथ ही कुलाधिपति भी हैं। जौहर ट्रस्ट के सदस्यों पर आर्थिक अनियमितता के आरोप सिद्ध होने के बाद राज्य सरकार यूनिवर्सिटी को अपने नियंत्रण में ले सकती है।

हीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आजम खां ने जौहर विश्वविद्यालय बनाकर अच्छा काम किया, इसी वजह से भाजपा ने उनके खिलाफ अधिकारियों के साथ साजिश और षड्यंत्र करके फर्जी मुकदमे दर्ज कराए। आजम खान ने यूनिवर्सिटी सिर्फ इस पीढ़ी के लिए नहीं अगली पीढ़ी के लिए बनाने का काम किया है।

यह भी पढ़ें - बढ़ रहे ठंड से न घबराएं किसान, फसलों को होगा फायदा

हिन्दुस्थान समाचार

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0