स्वर्ण प्राशन की दो बॅूंदें बच्चों को बनाती है मेधावी और कोरोना से लडने में सक्षम

अगर कोई बच्चा लगातार रोज एक माह तक सुबह खाली पेट स्वर्ण प्राशन की दो बॅूंदें पीता है तो ऐसा बालक परम मेधावी बन जाता है और अगर..

स्वर्ण प्राशन की दो बॅूंदें बच्चों को बनाती है मेधावी और कोरोना से लडने में सक्षम
फाइल फोटो

अगर कोई बच्चा लगातार रोज एक माह तक सुबह खाली पेट स्वर्ण प्राशन की दो बॅूंदें पीता है तो ऐसा बालक परम मेधावी बन जाता है और अगर छः माह तक लगातार सेवन कराया जाये तो बच्चा श्रुतधर बन जाता है, अर्थात् मस्तिष्क की क्षमता इस स्तर तक बढ़ जाती है कि सुनने मात्र से हर बात याद हो जाती हैै और कोरोना से बचाव में भी कारगर है।यह दावा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय बांदा के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. नीरज सोनी ने की।

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वह बताते हैं कि आयुर्वेद में तों बहुत पहले टीकाकरण का ज्ञान हमारे ऋषि-मुनियों को था और बच्चे का जन्म होते ही तुरंत सबसे पहले बच्चे को सोना घिसकर चटाया जाता था। ऐसा करने से बच्चे के अंदर रोग-प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती थी साथ ही बच्चे की मेधा शक्ति का विकास भी होता था। प्राचीन आयुर्वेदिक गं्रथ काश्यप संहिता में इसका विस्तृत वर्णन मिलता है।

काश्यप संहिता में लिखा है कि स्वर्ण प्राशन मानसिक क्षमता बढ़ाता है, पाचन शक्ति में सुधार लाता है, और ताकत बढ़ाता है। बच्चों को दीर्घायु बनाता है व ओजस्वी, तेजस्वी बनाता है। त्वचा के रंग को सुधार कर निखार लाता है एवं अगर कोई ग्रह बाधा है तो उसका भी निराकरण इससे हो जाता है। स्वर्ण बिंदु प्राशन के संबंध में डा. नीरज सोनी बताया अगर कोई मंहगी होने के कारण एक या छह महीने तक लगातार  कोई बच्चा  स्वर्ण प्राशन लेने में सक्षम नहीं है तो कम से कम महीने में एक बार पड़ने वाले पुष्प नक्षत्र पर तो जरूर पिलानी चाहिये। 

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  • सोमवार को फ्री पिलाई जायेगी स्वर्ण बिंदु प्राशन की ड्राप

बच्चों को कोरोना से बचाव के लिये सोमवार 14 जून को सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक गल्ला मण्डी, इन्दिरा पेट्रोल पंप के सामने स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में ‘‘निःशुल्क स्वर्ण बिन्दु प्राशन शिविर’’ का आयोजन किया जायेगा। जिसमें 0 से 16 वर्ष तक के बच्चों को आयुर्वेदिक स्वर्ण बिंदु की ड्राप की दों बूॅंदें पिलाई जायेंगी।

कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुये क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. नरेन्द्र बहादुंर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ चित्रकूटधाम मण्डल के कमिश्नर दिनेश कुमार सिंह करेंगे। यह शिविर हर महीने पुष्प नक्षत्र वाले दिन आयोजित किया जायेगा। शिविर में पंजीकरण हेतु बच्चे या माॅं-बाप में से किसी एक का आधार कार्ड लाना आवश्यक होगा और बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया जायेगा। 

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  • स्वर्ण बिंदु प्राशन की ड्राप पिलाने से बनतीं है एंटीबाडी 

डा. सोनी ने बताया कि ड्राप पिलाने से आधा घंटा पहले से बच्चे को कुछ भी न खिलायें और आधा घंटा बाद तक भी कुछ भी खाने या पाने को न दें, तभी दवा अच्छे से काम करेगी। यदि बच्चे को उल्टी, दस्त जुखाम या बुखार है तो ऐसी स्थिति में स्वर्ण प्राशन न करायें।

स्वर्ण प्राशन पर पीजीआई लखनऊ के डाक्टरों, आयुर्वेदिक वैद्यों एवं संटर फार बायोलाजिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने मिलकर रिसर्च की एवं शोध में पाया गया कि स्वर्ण बिंदु प्राशन की ड्राप पिलाने से बच्चों के अंदर जबरजस्त रूप से एंटीबाडी बनतीं है व रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास हुआ जो कि कोराना से बचाव में सहायक है।

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