डोर टू डोर नहीं बल्कि घरों में बैठकर बढ़ाये जा रहे निकाय चुनाव के मतदाता

प्रस्तावित निकाय चुनाव हेतु मतदाता बढ़ाने के लिए तैनात किए गए बीएलओ बगैर सत्यापन के एक

डोर टू डोर नहीं बल्कि घरों में बैठकर बढ़ाये जा रहे निकाय चुनाव के मतदाता
फाइल फोटो

  • बगैर सत्यापन बना दिये गए सैकड़ों मतदाता

प्रस्तावित निकाय चुनाव हेतु मतदाता बढ़ाने के लिए तैनात किए गए बीएलओ बगैर सत्यापन के एक ही घरों से कई-कई मतदाता बनाने में जुटे हुए हैं। वहीं कई बीएलओ ड्यूटी से लगातार नदारद है। इससे लोग परेशान हैं।

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शासन ने प्रस्तावित निकाय चुनाव के मद्देनजर मतदाता सूची में नाम बढ़ाने के लिए प्रत्येक वार्ड में बीएलओ तैनात किये हैं। यह लोग घरों में जाकर नाम बढ़ाने की बजाए एक जगह बैठकर बगैर सत्यापन के नाम बढ़ाने में मशगूल हैं। कस्बे के निवासी मृत्युंजय गुप्ता ने बताया कि हंसराज निवासी वार्ड 15 के मकान में बगैर सत्यापन के पांच नाम बढ़ा दिए गए हैं। जबकि हंसराज से उनका कोई वास्ता या लेना देना नहीं है। इसी तरह के तमाम उदाहरण कस्बे में मौजूद हैं।

सपा नेता कुलदीप शुक्ला का आरोप है कि बीएलओ बगैर सत्यापन के गांव के लोगों से सांठ-गांठ बनाकर कस्बे में मतदाता बनाने में जुटे हुए हैं। जबकि गांव में वह पूर्व से मतदाता हैं और यहां के मूल निवासी भी नहीं है। व्यापार मंडल के चेयरमैन अनुज शिवहरे का आरोप है कि कई वार्डों के बीएलओ नदारद हैं। फोन करने के बाद रिसीव नहीं कर रहे हैं।

अध्यक्ष और सभासद के सम्भावित उम्मीदवारों से सांठ-गांठ बनाकर घरों से मतदाता बनाने में जुटे हुए हैं। जबकि डोर टू डोर जाकर घरों में सत्यापन के बाद मतदाता बनाने के निर्देश आयोग से दिए गए हैं। लेकिन यहां आयोग के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। व्यापारी नेता ने कहा कि वह इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से करके बढ़ाए गए मतदाताओं का डोर टू डोर सत्यापन कराने की पत्र भेजकर मांग की है।

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हिस 

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