अगर कोई रास्ते में घायल हो गया है, उसकी जान आप भी बचा सकते हैं ! जानिए कैसे

अगर कोई हादसे में घायल हो जाए या चलते-चलते सड़क पर बेहोश होकर गिर जाए तो किसी भी व्यक्ति का प्रथम कर्तव्य...

अगर कोई रास्ते में घायल हो गया है, उसकी जान आप भी बचा सकते हैं ! जानिए कैसे

बांदा, अगर कोई हादसे में घायल हो जाए या चलते-चलते सड़क पर बेहोश होकर गिर जाए तो किसी भी व्यक्ति का प्रथम कर्तव्य उसकी जान बचाना है। इसके लिए बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) का ज्ञान होना जरूरी है।यह बातें मेडिकल कालेज में पुलिस कर्मियों के लिए आयोजित बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) प्रशिक्षण में एनेस्थीसिया विभाग की एसिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रिया दीक्षित ने कहीं।

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डॉ. प्रिया ने कहा कि बीएलएस बुनियादी चिकित्सा सहायता है, जो लोगों को अस्पताल पहुंचने से पहले या उन स्थितियों में दी जाती है, जहां चिकित्सा सुविधा तुरंत उपलब्ध नहीं होती है। मौके पर घायल को सीधा लिटा दें। उसकी नब्ज देखें, गर्दन की नाड़ी और नाक पर हाथ लगाकर देखें कि उसकी सांसें चल रही हैं। इसके बाद उसकी छाती खत्म होने व पेट शुरू होने वाली जगह पर अपने एक हाथ की हथेली पर दूसरे हाथ को रख कर उसे प्रेस करें। एक मिनट में 100 से 120 बार ऐसा करें। इसके बाद उसे अस्पताल पहुंचा दें।

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प्रशिक्षक डॉ. शिवम ने कहा कि जब कोई घटना होती है, सबसे पहले पुलिस वहां पहुंचती है। इसके बाद ही एंबुलेंस आ पाती है। कई बार एंबुलेंस के आने में देरी होती है। वहां मौजूद पुलिस कर्मी दुर्घटना स्थल पर ही घायल को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और प्राथमिक उपचार दे देंगे तो उनकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने डेमो के माध्यम से पुलिस कर्मी, एंबुलेंस चालक व छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया। डॉक्टरों की टीम ने पुलिस कर्मियों को सीपीआर और अन्य प्राथमिक उपचार देने की विस्तार से जानकारी भी दी।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके श्रीवास्तव ने कहा कि सड़क पर घायल पड़े व्यक्ति को कभी नजर अंदाज न करें। उसे तुरंत बीएलएस की सुविधा दें और एंबुलेंस बुला कर अस्पताल पहुंचाएं। आपका थोड़ा सा समय किसी की जिंदगी बचा सकता है।
इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार व डॉ. पीएन यादव, डॉ. विजय, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अतिहर्ष मोहन अग्रवाल, डॉ. सुशील पांडेय, डॉ. देव तिवारी, डॉ. अरुण देव, डॉ. मोहम्मद महताब सहित पुलिस कर्मी, एंबुलेंस कर्मी व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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