चित्रकूट मंडल में जन्म दर में बालिकाओं ने बालकों को पछाड़ा, इन कारणों से हुई जन्म में बढ़ोत्तरी

बालकों की तुलना में बालिका जन्म दर का अंतर काफी कम हुआ है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस-5)...

चित्रकूट मंडल में जन्म दर में बालिकाओं ने बालकों को पछाड़ा, इन कारणों से हुई जन्म में बढ़ोत्तरी

हमीरपुर में 1000 बालकों पर 1003 बालिकाएं ले रहीं जन्म 

बांदा,बालकों की तुलना में बालिका जन्म दर का अंतर काफी कम हुआ है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस-5) की रिपोर्ट के मुताबिक पहले जहां बालकों की तुलना में बालिकाओं के जन्म का प्रतिशत कम रहता था। वहीं अब यह प्रतिशत बढ़ने लगा है। इसके पीछे लोगों में जनसंख्या स्थिरीकरण और फैमिली प्लानिंग को लेकर जागरुकता आई है। इसके अलावा कन्या भू्रण हत्या रोकने किए जा रहे सरकारी प्रयासों का भी असर दिख रहा है। 

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यह बातें सीएमओ सभागार में राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित मंडल स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला में मंडलीय परियोजना प्रबंधक (एनएचएम/सिफ्सा) आलोक कुमार ने कहीं। परियोजना प्रबंधक ने कहा कि बालक और बालिकाओं के लिंग अनुपात के बीच का अंतर घटा है। बालिकाओं के जन्म में बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक चित्रकूटधाम मंडल में हमीरपुर जनपद में वर्ष 2015-16 में 1000 बालकों पर 945 बालिका जन्म ले रहीं थीं। लेकिन एनएफएचएस- 5 की रिपोर्ट वर्ष 2019-21 में बालकों को भी पीछे छोड़कर बालिका जन्म दर 1003 हो गई। बांदा में 908 से बढ़कर 956, महोबा में बालिका जन्म दर 943 से बढ़कर 972 हो गई। बताया कि चित्रकूट जिले में बालिका जन्म दर में गिरावट आई है। 1043 से गिरकर 950 हुई है। यहां बालिका जन्म दर बढ़ाने के लिए अधिकारियों को निर्देश देते हुए प्रयासों को तेज कर दिया गया है। 

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके श्रीवास्तव ने कहा कि भ्रूण हत्या रोकने के लिए सरकार ने भी कदम उठाए हैं। वहीं सोनोग्राफी सेंटर्स पर भी सख्ती की है। अवैध रूप से गर्भपात करने वाले स्थानों पर प्रशासन सख्ती से कार्यवाही कर रहा है। विभाग द्वारा चलाई जा रही मुखबिर योजना भी इसमें काफी सहायक साबित हो रही है। भ्रूण हत्या मामलों पर रोक लगाने के उद्देश्य से सोनोग्राफी/अल्ट्रासाउंड सेंटर पर मरीज का फार्म भरवाया जाता है। जिसमें सभी जरुरी जानकारी दी गई है। जांच और इनसे नियमित रिपोर्ट ली जा रही है। गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। 

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कार्यशालामें संयुक्त निदेशक डॉ.अभय सिंह, डॉ. मनोज कौशिक नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी, एसीएमओ डॉ.अजय कुमार, मंडलीय लोजिस्टिक मैनेजर अमृता राज, आईएमए अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद रफीक, सचिव डॉ.नरेंद्र गुप्ता, डॉ.सबीहा रहमानी, जीजीआईसी प्रधानाचार्य बीना गुप्ता, डॉ.जयंती, डीपीएम कुशल यादव, वरूण श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालक/चिकित्सक सहित छात्राएं उपस्थित रहीं।

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