पति पत्नी और वो रिश्ते के खलनायक मनीष दुबे पहुँचे महोबा, ज्योति मौर्या के मामले में कही अपनी बात

पीसीएस अफसर ज्योति मौर्या और उत्तरप्रदेश के पंचायती राज विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी  आलोक मौर्य का विवाद आज कल हर किसी की ...

पति पत्नी और वो रिश्ते के खलनायक मनीष दुबे पहुँचे महोबा, ज्योति मौर्या के मामले में कही अपनी बात

पीसीएस अफसर ज्योति मौर्या और उत्तरप्रदेश के पंचायती राज विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी  आलोक मौर्य का विवाद आज कल हर किसी की जुबान पर है , इसी विवाद के अन्तर्गत एक नाम भी लगातार चर्चा में बना हुआ है वो है होमगार्ड कामांडेन्ट मनीष दुबे का ज्योति मौर्य के पति आलोक के कथानुसार मनीष दुबे वही व्यक्ति है जिससे ज्योति का  कथित रिश्ता है , इसी रिश्ते के चलते दोनों पति पत्नी के रिश्ते में दरार आयी, आलोक मौर्या के द्वारा ज्योति व मनीष की चौट भी वायरल की गई थी, आलोक ने मनीष की होमगार्ड मुख्यालय में भी शिकायत की थी ।

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वहीं मनीष दुबे का इस मामले में नाम आने के बाद उनका ट्रान्सफर कर दिया, उन्हें जिला मुख्यालय महोबा का होमगार्ड कामांडेन्ट बनाया गया है । मनीष दुबे ने शुक्रवार को महोबा में अपना पद भार ग्रहण किया , महोबा में मनीष अपनी जबाबदेही से बचते नजर आये । ज्यादा सबाल जबाब पर उन्होंने कहा, आप प्रोफेशनली सबाल पूँछे तो मैं उनका जबाब दूँ, अन्य किसी मामले में सबाल न ही पूंछने का उन्होंने लगातार अनुरोध किया । फिर भी उनके द्वारा कहा गया कि इस मामले के बाद मेरा और ज्योति का कुर्सी पर बैठना भी गुनाह हो गया है. पता नहीं मैं कहां आकर फंस गया हूँ ।

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अब जब इस केस में मनीष का दुबे का नाम जुड़ा तो उन्होंने भी इस पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि अगर मैं और ज्योति आम व्यक्ति होते तो इस केस पर जरूर बोलते. लेकिन जिस पद पर मैं हूं, कैमरे के सामने कुछ भी बोल नहीं सकता. इस केस के कारण ज्योति के साथ-साथ मेरा भी जीना मुहाल हो गया है. हम दोनों का तो कुर्सी पर बैठना ही गुनाह हो गया है । उन्होंने कहा, श्श्मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, अच्छी नौकरी कर रहा था. लेकिन अब लगता है कि पता नहीं कहां आकर फंस गया हूं. श्आलोक कह रहा कि उसने ज्योति को पढ़ाया है. लोग भी यही कह रहे हैं, जबकि पढ़ाने-लिखाने का मतलब होता है बचपन से पढ़ाया-लिखाया जाए. जिस पोस्ट पर हम बैठे हैं, क्या सच में कोई हमें बना सकता है ।आलोक से अगर पूँछा जाए कि पीसीएस में कितने पेपर होते है शायद बता न पाये ।
मनीष के अनुसार न जाने क्यों इस मामले को इतना तूल दिया जा रहा है, हम एक जिम्मेदार पद पर बैठे हुये है इसीलिए हम ज्यादा कुछ नहीं बोल सकते ।

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