कटनी में संध्या मारावी इस मजबूरी मे बनी कुली नंबर 36, आइये जानते हैं बजह

यहां कटनी रेलवे स्टेशन पर पिछले कई साल से एक महिला कुली यात्रियों का बोझा ढोती नजर आती है, स्टेशन पर...

कटनी में संध्या मारावी इस मजबूरी मे बनी कुली नंबर 36, आइये जानते हैं बजह

यहां कटनी रेलवे स्टेशन पर पिछले कई साल से एक महिला कुली यात्रियों का बोझा ढोती नजर आती है। स्टेशन पर बोझा ढोने का काम ट्रेडिशनली मर्द ही करते आए हैं, लेकिन इस फील्ड में एक महिला की एंट्री लोगों को हैरत में डाल रही है। आखिर क्या मजबूरी है जिससे एक महिला होकर संध्या मारावी को 45 पुरुष कुलियों के साथ काम करना पड रहा है। 

यह भी पढ़ें - बुंदेलखंड बनेगा वाइल्ड लाइफ टूरिज्म का हब, चित्रकूट में टाइगर रिज़र्व, झांसी में एनिमल सफारी


संध्या बताती हैं, “मैं नौकरी की तलाश में थी। किसी ने मुझे बताया कि कटनी रेलवे स्टेशन पर कुली की जरूरत है। मैंने तुरंत अप्लाई कर दिया।” ”मैं यहां 45 पुरुष कुलियों के साथ काम करती हूं। मुझे बिल्ला नंबर 36 मिला है। संध्या जबलपुर में रहती हैं। अपनी जॉब के लिए वो हर रोज 90 किमी ट्रैवल (45 किमी आना-जाना) कर कटनी रेलवे स्टेशन आती हैं। दिनभर बच्चों की देखभाल उनकी सास करती हैं। 

यह भी पढ़ें - यूपी निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर, सुप्रीम कोर्ट में इस दिन होगी सुनवाई

कटनी जंक्शन पर कुली का काम कर रही महिला का नाम संध्या मारावी है। जनवरी 2017 से यह काम कर रहीं संध्या इसके पीछे की मजबूरी के बारे में बताती हैं, मैं अपने पति के साथ यहीं कटनी में रहती थी। हमारे तीन बच्चे हैं। मेरे पति लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 22 अक्टूबर 2016 को उन्होंने अंतिम सांस ली। बीमारी के बावजूद वे मजदूरी कर घर का खर्च चलाते थे। उनके बाद मेरे ऊपर सास और अपने तीन बच्चों की जिम्मेदारी आ गई। ऐसे में मुझे जो नौकरी मिली, मैंने कर ली।

यह भी पढ़ें - बरौनी एक्सप्रेस से बांदा लौट रहे युवक को बदमाशों ने चलती ट्रेन से नीचे फेंका

वह कहती है, भले ही मेरे सपने टूटे हैं, लेकिन हौसले अभी जिंदा है। जिंदगी ने मुझसे मेरा हमसफर छीन लिया, लेकिन अब बच्चों को पढ़ा लिखाकर फौज में अफसर बनाना मेरा सपना है। इसके लिए मैं किसी के आगे हाथ नहीं फैलाऊंगी। कुली नंबर 36 हूं और इज्जत का खाती हूं। रेलवे कुली का लाइसेंस अपने नाम बनवाने के बाद बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए साहस और मेहनत के साथ जब वह वजन लेकर प्लेटफॉर्म पर चलती है तो लोग हैरत में पड़ जाते हैं और साथ ही उसके जज्बे को सलाम करते हैं।

यह भी पढ़ें - बांदा के इन 6 जांबाज खिलाड़ियों ने ताइक्वांडो चौंपियनशिप में भारत को दिलाया 2 गोल्ड व 4 सिल्वर मेडल 

What's Your Reaction?

like
2
dislike
1
love
1
funny
0
angry
0
sad
0
wow
1