कचहरी के चक्रव्यूह से बचने का आसान रास्ता है विधिक सेवा प्राधिकरण, राष्ट्रीय लोक अदालत का उठावें

न्यायालय में मुकदमे के चक्कर में वादकारी कई सालों तक चक्कर लगाते हैं फिर भी उन्हें समय से न्याय नहीं मिल ...

कचहरी के चक्रव्यूह से बचने का आसान रास्ता है विधिक सेवा प्राधिकरण, राष्ट्रीय लोक अदालत का उठावें

बांदा,न्यायालय में मुकदमे के चक्कर में वादकारी कई सालों तक चक्कर लगाते हैं फिर भी उन्हें समय से न्याय नहीं मिल पाता है। अगर पीड़ित व्यक्ति न्याय के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आता है। तो उन्हें बिना किसी वकील के सुलह समझौते के आधार पर कुछ ही दिनों में न्याय मिल जाता है। इसलिए कचहरी के चक्रव्यूह से बचने के लिए पीड़ितों को विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देना चाहिए।

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यह बात एडीआर सेंटर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बांदा के सचिव बीडी गुप्ता ने कहीं। उन्होंने कहा कि न्यायालय परिसर में ही वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र यानी एडीआर सेंटर स्थित है। यहां हर विवाद का हल सुलह समझौते के आधार पर होता है। इसके लिए यहां 10 मध्यस्थ भी नियुक्त हैं। अगर पीड़ित यहां मामले दर्ज कराते हैं। तो मध्यस्थ  दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता करा देते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण जेल में बंद सभी बंदियों को निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने बताया कि सुनवाई के अभाव में बड़ी संख्या में मुकदमे न्यायालय में लंबित हैं। प्राधिकरण लंबित मुकदमों का सुलह समझौते से निस्तारण कराता है। इसी कड़ी में 11 फरवरी को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व 21 जनवरी, 2023 को आरबीटेशन वादों की विशेष लोक अदालत, व  8, 9 व 10 फरवरी, 2023 को लघु दाण्डिक वादों से सम्बन्धित विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। 

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11फरवरी दिन शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन में बैंक वसूली वाद, किरायेदारी वाद, मोबाइल फोन व केबल नेटवर्क संबंधी प्रकरण, आयकर, बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं से सम्बंधित प्रकरण दीवानी वाद, उत्तराधिकार वाद, पारिवारिक वाद, दाम्पत्य विवादों के प्रि- लिटिगेशन स्तर पर अधिक से अधिक समाधान योग्य वादों का निस्तारण, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, चेक बाउंस के मामले, जनउपयोगी सेवाओं तथा वाणिज्य कर से सम्बन्धित प्रकरण, राजस्व चकबन्दी, श्रम वाद, चालानी वाद व शमनीय प्रकृति के लघु आपराधिक वाद आदि एवं यातायात सम्बन्धी चालानों ई चालानों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया जाएगा ।

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उन्होने समस्त वादकारियों, अधिवक्ताओं एवं अन्य संबंधित व्यक्तियों से अपील है कि उक्त तिथियों में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत व विशेष लोक अदालतों में अपने वादों का सुलह संस्वीकृति के आधार पर निस्तारण कराकर उठावें। 

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