बुंदेलखंड को इस युवा ने पानीदार बनाने के लिए छेडी मुहिम और बन गया वाटर हीरो 

बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी के संकट को लेकर एक कहावत हुआ करती थी। ’धौरा तेरा पानी गजब करी जाए, गगरी न फूटे...

बुंदेलखंड को इस युवा ने पानीदार बनाने के लिए छेडी मुहिम और बन गया वाटर हीरो 

बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी के संकट को लेकर एक कहावत हुआ करती थी। ’धौरा तेरा पानी गजब करी जाए, गगरी न फूटे खसम मर जाए।’ यानी तालाब से पानी लाते समय महिलाएं पानी को पति से ज्यादा महत्व देती थी। लेकिन आज रामबाबू तिवारी जैसे युवाओं ने जल संरक्षण के लिए जिस तरह की मुहिम छेड़ी। उससे अब बुंदेलखंड के अनेक इलाके पानी के संकट से उबर रहे हैं। इन्होंने गांव गांव में पानी चैपाल, पानी पंचायत लगाकर न सिर्फ लोगों को जागरूक किया बल्कि जल साक्षरता अभियान के माध्यम से पानी की बर्बादी रोकी और श्रम साधना के माध्यम से तालाबों को पानीदार बनाया
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र रामबाबू तिवारी विगत 2011 से बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संरक्षण संवर्धन के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। बारिश की एक-एक बूंद को रोकने और तालाबों का जीर्णोद्धार सामूहिक श्रम साधना के माध्यम से कराने की जो मुहिम छेड़ी, उससे अब तक बुंदेलखंड के 75 तालाबों को पानीदार बनाया जा चुका है। जिसमें बारिश की एक-एक बूंद को गांव में तालाबों के माध्यम से पानी को रोका जा रहा है। इसके लिए ’खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में’ के तहत खेतों पर मेड़बंदी बनाकर पानी रोका जा रहा है ।इस अभियान के अंतर्गत ग्राम अधांव भभुआ, पिंडारन, गहवरा में 5000 से अधिक बीघे में मेड़बंदी कराई गई है।
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इसी तरह बुंदेलखंड के 75 तालाबों को पानीदार बनाया। इनमे प्रयागराज जनपद के यमुनापार क्षेत्र में- ग्राम पंचायत चिल्ला, गौहानी, सोनवर्षा, कंचनपुर, मवैया, लेडियारी, पचखरा आदि, चित्रकूट जनपद के ग्राम पंचायत खंडेहा, महुआ गांव, अहिरी, खोही, देऊरा, इटवा, बांदा जनपद के ग्राम पंचायत अधांव, जौरही, मर्का, लाखीपुर, नहरी, काजीटोला, महोबा जनपद के ग्राम पंचायत मुड़ारी, काकुन, थूरट, लोदीपुरा, अमिलिया, पिपरी, हमीरपुर जनपद के ग्राम पंचायत झालोखर, कुरारा, धनपुरा, गुसयारी और जालौन जनपद के ग्राम पंचायत ओंता, ऊसर, अतरौली, निजामपुर, धमनी आदि शामिल हैं।

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बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए छेड़ी गई मुहिम को देखते हुए रामबाबू तिवारी को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से ने वाटर हीरो अवार्ड देकर सम्मानित किया है। वही इस पानी कार्यकर्ता के कार्य की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून 2021 को मन की बात कार्यक्रम में सराहना भी की थी। बांदा निवासी पानी कार्यकर्ता रामबाबू तिवारी कहा कि सामूहिक श्रम साधना से जहां तालाबों का गहरीकरण किया जाता है। वही तालाब से जमा गाद को निकालने के कई फायदे हैं। गाद का प्रयोग किसान खाद के रूप में करते हैं। जिससे खेती में लागत कम आती है और आमदनी अधिक होती है। साथ ही खेतों में नमी भी आती है। उन्होंने बताया कि तालाबों में श्रमदान के दौरान ही किसानों को तालाब किनारे फलदार वृक्ष को लगाने, मत्स्य पालन व सिंघाड़ा आदि की खेती करने के लिए प्रेरित किया जाता है। पानी कार्यकर्ता बताते हैं कि तालाबों का जीर्णोद्धार होने से तालाबों की संस्कृति वापस आई है और जल की प्राकृतिक स्रोतों के प्रति लोगों का सम्मान बढ़ा है। बुंदेलखंड क्षेत्र में जल साक्षरता अभियान के उपरांत गांव गांव तालाब महोत्सव का आयोजन किया गया। इस तालाब महोत्सव से गांवों में लोगों की तालाबों के प्रति संवेदना बढ़ी है।

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