बुन्देलखण्ड को पृथक राज्य बनाने की मांग को लेकर बुन्देली सेना ने लिखा पीएम को पत्र

बुन्देली सेना जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि तीन दशकों से बुन्देलखण्ड अलग राज्य की मांग को आन्दोलन जारी है..

बुन्देलखण्ड को पृथक राज्य बनाने की मांग को लेकर बुन्देली सेना ने लिखा पीएम को पत्र
बुन्देली सेना जिलाध्यक्ष अजीत सिंह

बुन्देली सेना जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि तीन दशकों से बुन्देलखण्ड अलग राज्य की मांग को आन्दोलन जारी है। लोकसभा में सांसदों के मुद्दा उठाने के बाद भी बुन्देलखण्ड अलग राज्य की मांग दबी हुई है।

बुन्देली सेना जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने शुक्रवार को बताया कि तीन दशक पहले झांसी से वर्ष 1989 में शंकरलाल मेहरोत्रा ने पृथक बुंदेलखंड राज्य आंदोलन का शंखनाद किया था। धीरे-धीरे आंदोलन की चिंगारी आग बन गई और पूरा बुंदेलखंड आंदोलित हो उठा। वर्ष 1994 मार्च में 9000 कार्यकर्ताओं ने लोकसभा का घेराव किया। संसद के थाने में सभी की गिरफ्तारी हुई। मार्शलों ने सभी को पीटा। जुलाई 1995 में जंतर-मंतर में धरना देकर पांच हजार के अधिक लोगों ने संसद का घेराव किया और गिरफ्तारी दी। 

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मार्च 1997 में दिल्ली में ही दो हजार के अधिक बुन्देलखंडियों ने पैदल मार्च करके प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का पुतला फूंका। बदले में लाठीचार्ज हुआ और तमाम लोग घायल हुए। मई 1997 में लखनऊ में पृथक राज्य की मांग को लेकर विधानसभा का घेराव किया गया। इसी वर्ष सितम्बर महीने में भी विशाल रैली करके विधानसभा के सामने हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया।

वर्ष 1998 के अप्रैल महीने में बुंदेलखंड मुक्तिमोर्चा ने आक्रामक आंदोलन का निर्णय लियाा। समूचे बुंदेलखंड में ट्रेनें रोकीं, गार्डों, ड्राइवरों और गेटमैनों का चरणबद्ध अपहरण किया गया। हजारों गिरफ्तारियां हुईं। पिछली लोकसभा में बांदा सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा ने बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाये जाने की मांग की थी। 

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वर्तमान में बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला तो स्व. शंकर लाल मेहरोत्रा के निधन के बाद आंदोलन के सूत्रधार रहे। वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल भी इसीलिए हुए थे, क्योंकि भाजपा हमेशा से छोटे राज्यों की पक्षधर रही है और भाजपा शासनकाल में ही कई छोटे राज्य बने हैं।

जनप्रतिनिधियों से लेकर बुद्धिजीवी और कई राजनैतिक दल छोटे बुंदेलखंड राज्य के पक्ष में हैं। मांग की है कि बहु प्रतीक्षित इस मांग को पूरा करके बुन्देलखंडियों को खुद का राज्य दे दिया जाये। उन्होंने कहा कि खनिज सम्पदा से धनी बुंदेलखंड स्वयं अपना विकास कर सकता है। 

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हि.स

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