महोबा : कटे होंठ की मुफ्त सर्जरी कर लौटाई मासूम की मुस्कान

होंठ इंसान के चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाता है, अगर जन्म से ही बच्चे के होंठ कटे हों तो माता-पिता के लिए यह किसी अभिशाप से कम नहीं होता।

महोबा : कटे होंठ की मुफ्त सर्जरी कर लौटाई मासूम की मुस्कान

लॉकडाउन के बाद आरबीएसके टीम ने कराई पहली सर्जरी 

होंठ इंसान के चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाता है। अगर जन्म से ही बच्चे के होंठ कटे हों तो माता-पिता के लिए यह किसी अभिशाप से कम नहीं होता। गरीब मजदूर के लिए बच्चे की मुस्कुराहट लौटाना एक सपना ही रहता है, लेकिन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम ने निःशुल्क सफल सर्जरी कराकर न सिर्फ मासूम की मुस्कुराहट लौटाई है बल्कि उसके माता-पिता के चेहरे पर भी खुशी ला दी है। 

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जैतपुर ब्लाक के कुटरा गांव के मुल्लू अनुरागी की पत्नी मंजू ने साढ़े तीन माह पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर  ही बच्चे को जन्म दिया था,  जिसका नाम दीपेश रखा गया। बच्चा बहुत सुंदर था , लेकिन कटे होंठ उसकी खूबसूरती में बहुत बड़ी बाधा बने हुए थे। बच्चे का इलाज कराकर उसकी खूबसूरती लौटाने की इच्छा माता-पिता के मन में थी। लेकिन गरीबी  के चलते इलाज का खर्च उठा पाना  संभव नहीं था। मुल्लू निर्माणाधीन मकानों में मजदूरी कर अपने परिवार का खर्च चलाता है।  लाकडाउन में काम बंद होने की वजह से हालात और भी खराब हो गए। मुल्लू के 10 व 5 वर्षीय दो पुत्र और हैं। 

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आरबीएसके टीम के डा. आशुतोष सोनी, डा. प्रेमनारायण शर्मा, फार्मेसिस्ट अमित गंगेले, ओपट्रोमेट्रिस्ट महेंद्र कुमार व एएनएम संगीता पाठक ने मासूम दीपेश के परिवार वालों से संपर्क किया। टीम द्वारा आरबीएसके के तहत दीपेश की सर्जरी कानपुर के अस्पताल में सरकारी खर्चे पर कराने की बात कही गई। यह बात सुनकर परिजन बेहद खुश हो गए कि दीपेश की खूबसूरती में बाधक बने कटे होंठ ठीक हो जाएंगे।

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फार्मेसिस्ट अमित गंगेले ने बताया कि 9 अक्टूबर को बच्चे को टीम द्वारा कानपुर ले जाया गया। जहां 11 को उसकी सर्जरी की गई। अब दीपेश परिवार के साथ घर लौट आया है। डीईआईसी मैनेजर डा. अंबुज गुप्ता ने बताया कि आरबीएसके के तहत 44 बीमारियां आती हैं। इसमें मुख्य रूप से दिल में छेद, कटे फटे होंठ व तालू, जन्मजात मोतियाबिंद, रीढ़ की हड्डी में फोड़ा, पैरों में टेढ़़ापन इत्यादि गंभीर बीमारियां शामिल हैं।

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