बुंदेलखंड राज्य के लिए वर्षाे से संघर्ष कर रहे संगठनों ने बनाई ये रणनीति

बुन्देलखण्ड राज्य बनाने के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे संगठन अब महासंघ बनाएं, यह बात बुंदेलखंड राज्य बनाओ अभियान के संयोजक अनिल शर्मा....

बुंदेलखंड राज्य के लिए वर्षाे से संघर्ष कर रहे संगठनों ने बनाई ये रणनीति

बांदा,

बुन्देलखण्ड राज्य बनाने के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे संगठन अब महासंघ बनाएं, यह बात बुंदेलखंड राज्य बनाओ अभियान के संयोजक अनिल शर्मा ने कही। वह आज स्थानीय कचहरी में जन कवि केदारनाथ अग्रवाल की प्रतिमा के नीचे अधिवक्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। 
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श्री शर्मा ने कहा कि बुंदेलखंड राज्य चाहने वालों को उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड और तेलंगाना राज्यों को जाकर देखना चाहिए और यह तुलना करनी चाहिए कि राज्य बनने पर छोटे राज्यों में कैसे उन्नति सम्भव है। श्री शर्मा ने कहा कि पिछले 43 वर्षों में अधिकतर बुंदेलखंड पृथक राज्य के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश बुन्देलखंड के लगभग 2 दर्जन से अधिक संगठन संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। अब समय की मांग है कि ये सभी संगठन के लोग अपने अपने संगठन के साथ एक महासंघ बनाएं और बुंदेलखंड राज्य बनाने की लड़ाई को और धारदार और व्यापक बनाएं।

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जिला बार संघ के पूर्व अध्यक्ष आनंद सिन्हा ने कहा कि इस बात पर नहीं जाते कि बुंदेलखंड से कितनी बालू और कितनी गिट्टी बाहर जाती है। कितने हमारे जंगल मिट गए, हम अपने राज्य में कितनी बिजली पैदा करते हैं, कितनी बाहर बेची जाती है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में अकेले इतने ज्यादा पर्यटन स्थल हैं, यदि उन्हें ठीकठाक कर दिया जाए तो बुंदेलखंड विश्व पर्यटन के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लेगा। श्री सिन्हा ने कहा कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जिनकी पूरी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है। बुन्देलखण्ड राज्य बनाने के लिए बुंदेलखंड के पर्यटन क्षेत्र ही काफी हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे जालौन में पांच नदियों का संगम है, जिसे पचनदा कहा जाता है, वो देश में इकलौता है। पचनदा में डॉल्फिन और क्रोकोडाइल सेंचुरी भी है। इस तरह चित्रकूट, कालिंजर, चंदेरी, कालपी, महोबा, खजुराहो, पन्ना टाइगर रिजर्व ऐसे स्थान हैं जो बुंदेलखंड राज्य के राजस्व को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।

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इस अवसर पर बार संघ के पूर्व अध्यक्ष अवधेश गुप्ता खादी ने कहा कि बुंदेलखंड राज्य निर्माण समिति के अगुवा रमेश दुबे और हम सब मिलकर 28 सितंबर से बुंदेलखंड राज्य बनाने के लिए पदयात्रा शुरू कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि सभी संगठन इससे जुड़े।जिला बार संघ के पूर्व अध्यक्ष एजाज अहमद ने कहा कि सबसे पहले मंजिल पर हमारी निगाह हो, फिर हम पूरे दिलो दिमाग के साथ यदि एक लक्ष्य लेकर चलेंगे तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी। हमारा बुंदेलखंड राज्य अवश्य बनेगा। रमेश दुबे ने कहा कि हम गांधीवादी तरीके से आंदोलन चलाएंगे तो हमें सफलता मिल कर रहेगी, भले ही समय लग जाए।

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जिला बार संघ के पूर्व अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी जीतू ने कहा हमारा बुंदेलखंड कैसे सुख और संपन्नता से पूर्ण हो इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए। आदित्य सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड राज्य बनेगा तो उसकी अर्थव्यवस्था कैसी होगी इसका भी गहन चिंतन करके रोड मैप बनाना चाहिए। रोहन सिन्हा एडवोकेट ने कहा कि बुंदेलखंड राज्य बनाने के साथ-साथ हमें यह भी देखना होगा कि नया राज्य बनने पर उत्तराखंड में आज जिस तरह रियल एस्टेट और अन्य उद्योगों में उत्तराखंड के बाहरी पूंजीपतियों का कब्जा है, ऐसी स्थिति बुंदेलखंड राज्य में न बने।

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इस अवसर पर मुक्ति चक्र के संपादक गोपाल गोयल, मुन्ना महंत, दिनेश त्रिवेदी एडवोकेट, अमरेंद्र वर्मा, राधेश्याम यादव एडवोकेट, बृजेश कुमार खरे, मोहम्मद साहिल एडवोकेट, आरिफ खान आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस बैठक का संचालन रोहन सिन्हा एडवोकेट ने किया और अध्यक्षता पूर्व बारसंघ के अध्यक्ष एजाज अहमद एवं अवधेश गुप्ता खादी ने संयुक्त रूप से की।

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