सीजर ऑपरेशन में वसूली को लेकर सीएमएस और सर्जन भिडे, डॉक्टर का बीपी बढ़ा
महोबा जिला महिला अस्पताल में होने वाले गर्भवती महिलाओं के सीजर ऑपरेशन में वसूले जा रहे सुविधा शुल्क के बंटवारे को लेकर सीएमएस और सर्जन के बीच विवाद हो गया। सीएमएस ने डॉक्टर की गर्दन ,,,
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महोबा जिला महिला अस्पताल में होने वाले गर्भवती महिलाओं के सीजर ऑपरेशन में वसूले जा रहे सुविधा शुल्क के बंटवारे को लेकर सीएमएस और सर्जन के बीच विवाद हो गया। सीएमएस ने डॉक्टर की गर्दन मरोड़ने और नौकरी न करने देने की चेतावनी दी। इससे डॉक्टर का बीपी बढ़ गया और हालत बिगड़ गई। स्वास्थ्यकर्मियों ने डॉक्टर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पीड़ित डॉक्टर का आरोप है कि सीएमएस प्रतिमाह 50 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं।
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न देने पर अभद्रता करते हुए डू लेटर लिखने की धमकी दी जा रही है। जिला महिला अस्पताल में डॉ. एसके वर्मा तैनात हैं जो अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाओं की टीम के साथ सीजर ऑपरेशन करते हैं। बुधवार की रात एक महिला का सीजर होना था। इसको लेकर तैयारी चल रही थी। तभी अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसपी सिंह व सर्जन डॉक्टर के बीच विवाद हो गया। कहासुनी होने के बाद सर्जन डॉक्टर की हालत बिगड़ गई।
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बीपी बढ़ने पर उन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत में सुधार होने पर डॉ. एसके वर्मा ने बताया कि वह तीन दिन की छुट्टी पर गए थे। इस दौरान चरखारी की डॉक्टर गीतांजलि को महिला अस्पताल में संबद्ध कर लिया गया। छुट्टी से वापस आने पर जब सर्जन डॉक्टर ने महिला डॉक्टर को वापस चरखारी भेजने की बात कही तो सीएमएस भड़क गए। आरोप लगाया कि सीएमएस ने उनके साथ गाली-गलौज करते हुए गर्दन मरोड़ देने की धमकी दी।
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इस दौरान 50 हजार रुपये की मांग की गई। आरोप लगाया कि सीएमएस अन्य स्टाफ से भी पैसे की मांग करते हैं। न देने पर कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है। सीएमएस की धमकी से उनका बीपी बढ़ गया और वह अचेत होकर गिर गए। तब उन्हें अस्पताल लाया गया। डॉक्टर व सीएमएस के विवाद के बाद अस्पताल में भर्ती प्रसूताएं और उनके परिजन परेशान रहे। (सीएमएस उरई निवासी हैं, वहीं डॉ. एसके वर्मा झांसी के रहने वाले हैं। काफी समय से महोबा में ही रह रहे हैं।
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सूचना पर पहुंचे सीएमओ डॉ. आशाराम ने मामला शांत कराते हुए ऑपरेशन व गर्भवती महिलाओं का इलाज शुरू कराया। सीएमओ ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ लिखापढ़ी करते हुए कार्रवाई कराई जाएगी। उधर, सीएमएस डॉ. एसपी सिंह का कहना है कि आरोप बेबुनियाद है। एक मरीज का ऑपरेशन होना था। इसको लेकर मामूली कहासुनी हुई। इसके बाद डॉ. एसके वर्मा का बीपी बढ़ गया। बीपी की वजह से ही उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया।
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