लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मप्र की 6 सीटों पर 80 प्रत्याशी, 1.11 करोड़ से अधिक मतदाता

लोकसभा निर्वाचन-2024 के दूसरे चरण में मध्यप्रदेश के छह संसदीय क्षेत्रों में 26 अप्रैल को मतदान होगा...

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मप्र की 6 सीटों पर 80 प्रत्याशी, 1.11 करोड़ से अधिक मतदाता

भोपाल। लोकसभा निर्वाचन-2024 के दूसरे चरण में मध्यप्रदेश के छह संसदीय क्षेत्रों में 26 अप्रैल को मतदान होगा। इनमें टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद सीट शामिल हैं। इन सीटों पर 80 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस चरण में प्रदेश के एक करोड़ 11 लाख 62 हजार 460 मतदाता इन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि लोकसभा संसदीय क्षेत्र टीकमगढ़ (अजा), दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा एवं होशंगाबाद में शुक्रवार को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। मतदान सम्पन्न कराने के लिए गुरुवार को सुबह जिला मुख्यालय पर मतदान सामग्री का वितरण किया गया। इसके बाद सभी मतदान दल सामग्री लेकर अपने-अपने मतदान केन्द्रों तक पहुंच गये हैं। मतदान केन्द्र पहुंचने पर मतदान कर्मियों का पुष्पहारों से स्वागत किया गया।

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गौरतलब है कि 2019 में सभी छह सीटें (टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद) भाजपा ने जीती थीं। इन सीटों पर पिछले लोकसभा चुनाव में औसत मतदान 67.75 प्रतिशत रहा था। इस बार पहले चरण के चुनाव में हुए कम मतदान को देखते हुए चुनाव आयोग, भाजपा और कांग्रेस ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास किए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने बूथ लेवल आफिसरों को घर-घर भेजा तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर भाजपा के सभी नेताओं ने मतदाताओं से अपने मताधिकार उपयोग अवश्य करने की अपील भी की है।

दूसरे चरण में मप्र की जिन छह सीटों पर मतदान होना है, उनमें पांच सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला है, जबकि खजुराहो सीट पर भाजपा के लिए वाकओवर जैसी स्थिति है।

खजुराहोः इस सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को फिर से मौका मिला है. जबकि यह सीट इंडी गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी को दी गई थी, लेकिन सपा उम्मीदवार मीरा यादव का पर्चा रद्द होने से वीडी शर्मा को लगभग वॉकओवर मिल गया है। यहां 1999 के लोकसभा चुनाव को छोड़ दें तो 1989 से भाजपा का दबदबा रहा है। खजुराहों में लगभग 19.94 लाख वोटर हैं। इस संसदीय क्षेत्र में शामिल आठ विधानसभा क्षेत्र चंदला, रामनगर, पवई, गुनौर, पन्ना, विजयराघवगढ़, मुड़वारा, बहोरीबंद हैं। इन सभी विधानसभाओं में भाजपा का कब्जा है।

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टीकमगढ़ः इस सीट पर भाजपा के डॉ. वीरेंद्र कुमार और कांग्रेस के पंकज अहिरवार के बीच मुकाबला माना जा रहा है। यहां गठबंधन की वजह से सपा ने अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा. जबकि बसपा ने दल्लूराम अहिरवार को टिकट दिया है। यहां सात बार सांसद और दो बार केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार के सामने कांग्रेस ने ऐसे प्रत्याशी को उतारा है जो अपना पहला चुनाव लड़ रहे हैं। इस क्षेत्र में भले ही पांच लाख के आसपास अहिरवार वोट हो, लेकिन तीन लोकसभा चुनाव से कांग्रेस के अहिरवार कैंडिटेड हार रहे हैं। यहां लगभग 18.17 लाख वोटर हैं। इस संसदीय क्षेत्र में टीकमगढ़, जतारा, खरगापुर, पृथ्वीपुर, निवारी, महाराजपुर, छतरपुर और बिजावर विधानसभा सीटें हैं, जिनमें तीन सीटों पर कांग्रेस और पांच पर भाजपा का कज्जा है।

दमोहः विधानसभा चुनाव में हार का स्वाद चखने वाले राहुल लोधी को भाजपा ने यहां पर लोकसभा प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने तरबर सिंह लोधी का सामने खड़ा किया है। इस सीट पर लोधी बनाम लोधी का मुकाबला है। ये दोनों ही उम्मीदवार एक-एक बार विधायक रह चुके हैं। इस सीट को कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन 1989 से भाजपा ने यहां से अपनी जीत का क्रम शुरू किया और तब से यह जारी है। गत 35 वर्षों से यहां भाजपा का दबदबा है। यहां लगभग 19.19 लाख वोटर हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीट दमोह, हटा, जबेरा, पथरिया, बड़ा मलहरा, देवरी, रहली, बंडा आते हैं। इनमें से सिर्फ एक पर ही कांग्रेस और शेष सात सीटों पर भाजपा का कब्जा है।

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सतनाः इस सीट पर विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाह ने भाजपा के चार बार के सांसद गणेश सिंह को मात दी थी। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस ने उन्हीं उम्मीदवारों पर दांव लगाया है, जिनको विधानसभा चुनाव में उतारा गया था। पिछड़ा वर्ग के दोनों प्रमुख उम्मीदवारों के बीच बसपा ने ब्राह्मण उम्मीदवार पर भरोसा जताया है। ऐसे में नारायण त्रिपाठी के आ जाने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। यहां लगभग 16.98 लाख वोटर हैं। सतना लोकसभा सीट में सतना, रामपुर बघेलान, नागौद, रैगांव, चित्रकूट, मैहर, अमरपाटन विधानसभा सीटें आती हैं। इन 7 सीटों में से दो पर कांग्रेस और पांच पर भाजपा का कब्जा है।

रीवाः इस लोकसभा सीट पर मिश्रा बनाम मिश्रा का मुकाबला है। यहां भाजपा ने जनार्दन मिश्रा को दूसरी बार टिकट दिया है, जबकि भाजपा से विधायक रहीं नीलम अभय मिश्रा को कांग्रेस ने लोकसभा के मैदान में उतारा है। साल 2018 में नीलम मिश्रा कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। यहां लगभग 18.45 लाख वोटर हैं। रीवा लोकसभा में आठ विधानसभा क्षेत्र रीवा, गुढ़, सेमरिया, सिरमौर, मनगवां, त्योंथर, मऊगंज और देवतालाब हैं। इनमें से सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस और सात पर भाजपा का कब्जा है।

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होशंगाबादः लंबे समय तक भाजपा में रहने वाले संजय शर्मा को कांग्रेस ने इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि किसान नेता दर्शन सिंह पर भाजपा ने दांव लगाया है। ये भले ही दर्शन सिंह का पहला चुनाव है, लेकिन वे यहां काफी दमदार हैं। होशंगाबाद जिसे अब नर्मदापुरम के नाम से जाना जाता है, वहां की सभी आठ विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। इस लोकसभा क्षेत्र से तीन मंत्री नरसिंहपुर से प्रहलाद पटेल, गाडरवाड़ा से राव उदय प्रताप और उदयपुरा से नरेंद्र शिवाजी पटेल है। इस सीट पर राव उदय प्रताप सिंह तीन बार सांसद रह चुके हैं। इस लोकसभा में होशंगाबाद, सिवनी-मालवा, सोहागपुर, पिपरिया, गाडरवारा, नरसिंहपुर, तेंदुखेड़ा और उदयपुरा विधानसभा सीट आती हैं। यहां लगभग 18.50 लाख वोटर हैं।

हिन्दुस्थान समाचार

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