बेटी की उठनी थी डोली, उठ गई अर्थी, शहनाई की जगह सुनाई दे रही थी सिसकियां

जनपद बांदा में गुरुवार को एक दर्दनाक मामला सामने आया है। जहां शादी के फेरों के पहले ही दुल्हन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिस घर से बेटी की डोली उठनी थी वहां से अर्थी ...

बेटी की उठनी थी डोली, उठ गई अर्थी, शहनाई की जगह सुनाई दे रही थी सिसकियां

 जनपद बांदा में गुरुवार को एक दर्दनाक मामला सामने आया है। जहां शादी के फेरों के पहले ही दुल्हन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिस घर से बेटी की डोली उठनी थी वहां से अर्थी निकली। जहां इस घर में आज खुशी का माहौल होना चाहिए, मांगलिक गीतों के साथ शहनाई की आवाज गूंजनी चाहिए वहां मां बहन भाई और पिता की सिसकियां सुनाई पड़ रही थी। शादी वाले घर में इस घटना के बाद मातम पसर गया।

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घटना शहर कोतवाली क्षेत्र के कहला गांव में गुरुवार को हुई। इसी गांव में रहने वाले रामबाबू निषाद की बेटी सुमन कि आज बारात आने वाली थी। घर में शादी की तैयारी चल रही थी, पंडाल लग गया था। मिठाई मिठाई बन गई और मेहमान भी आ गए। लेकिन गुरुवार को सवेरे उस समय बजे बज्रपात हो गया। जब दुल्हन ने शादी से पहले ही गले में फंदा डालकर मौत को गले लगा लिया। घटना का कारण ज्ञात नहीं हो सका।

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इस संबंध में गांव के प्रधान ओमप्रकाश निषाद ने बताया कि गांव के रामबाबू की बेटी की शादी ग्राम  बोधी पुरवा निवासी दशरथ के बेटे के साथ आज 7 मार्च को होनी थी। शादी से पहले ही लड़की और लड़के में प्रेम प्रसंग चल रहा था। जब शादी की बात आई तो लड़के की मां ने इस शादी का विरोध किया था। बाद में गांव में पंचायत हुई जिसमें दोनों पक्ष शादी के लिए राजी हो गए और गुरुवार को शादी की तैयारी हो रही थी। लड़के की मां भी शादी के लिए तैयार हो गई थी, जिससे अब शादी में किसी तरह की कोई बाधा नहीं थी। इसके बाद भी लड़की ने क्यों मौत को गले लगाया। इस बात का जवाब घर के किसी व्यक्ति के पास नहीं है। पारिवारी जनों का कहना है कि आज सुबह वह अपने कमरे में फांसी पर लटकी मिली। रात में वह हंसी-खुशी खाना खाकर सो गई थी ।किसी से कोई वाद विवाद नहीं हुआ लेकिन सवेरे  लाश फांसी पर लटकी मिली।

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