चित्रकूट : भुगतना ही पड़ता है अच्छे और बुरे कर्मो का फल : बलुआ महाराज

जिला मुख्यालय के एसडीएम कॉलोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य बलुआ महाराज ने कहा...

चित्रकूट : भुगतना ही पड़ता है अच्छे और बुरे कर्मो का फल : बलुआ महाराज

चित्रकूट। जिला मुख्यालय के एसडीएम कॉलोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य बलुआ महाराज ने कहा कि भागवत अवरोध मिटाने वाली उत्तम अवसाद है। भागवत का आश्रय करने वाला कोई भी दुखी नहीं होता है। भगवान शिव ने शुकदेव बनकर सारे संसार को भागवत सुनाई है। 

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उन्होंने कर्मो का सार बताते हुए कहा कि अच्छे और बुरे कर्मो का फल भुगतना ही पडता है। भीष्म पितामह का उदाहरण देते हुए कहा कि भीष्म पितामह छह महीने तक बाणों की शैय्या पर लेटे थे। जब भीष्म पितामह बाणों की शैय्या पर लेटे थे तब वे सोच रहे थे कि कौन सा पाप किया है जो इतने कष्ट सहन करना पड रहे है। उसी वक्त भगवान कृष्ण भीष्म पितामह के पास आते है। तब भीष्म पितामह कृष्ण से पूछते है कि मैंने ऐसे कौन से पाप किये है कि बाणो की शैय्या पर लेटा हूं पर प्राण नहीं निकल रहे है। तब भगवान कृष्ण ने भीष्म पितामह से कहा कि अपने पुराने जन्मों को याद करो और सोचो कि कौन सा पाप किया है। भीष्म पितामह बहुत ज्ञानी थे।

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उन्होंने कृष्ण से कहा कि मैंने अपने पिछले जन्म में रतीभर भी पाप नहीं किया है। इस पर कृष्ण ने उन्हें बताते हुए कहा कि पिछले जन्म में जब आप राजकुमार थे और घोडे पर सवार होकर कहीं जा रहे थे। उसी दौरान आपने एक नाग को जमीन से उठाकर फेंक दिया तो कांटों पर लेट गया था पर छह माह तक उसके प्राण नहीं निकले थे। उसी कर्म का फल है जो छह महीने तक बाणों की शैय्या पर लेटे है। इसका मतलब है कि कर्म का फल सभी को भुगतना होता है। इसलिए कर्म करने से पहले कई बार सोचना चाहिए। ईश्वर ने जिन लोगों को सक्षम बनाया है उन्हे दान, धर्म, सेवा अवश्य करनी चाहिए।

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इस दौरान मुख्य यजमान रामसूरत पयासी, सावित्री देवी, राधेरमण पयासी, प्रशांत कुमार द्विवेदी, उमेश पयासी, सरयू प्रसाद पांडेय, प्रकाश चंद्र मिश्र, निरंजन मिश्र, रोहित कुमार मिश्र, देवेंद्र कुमार पांडेय, रत्नेश पांडेय, अनीता द्विवेदी, सतरूपा मिश्रा, साधना मिश्रा आदि श्रोतागण मौजूद रहे।

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