ज्ञानवर्द्धक युग साहित्य लाइब्रेरी की जिला जेल में हुई स्थापना

अखिल विश्व गायत्री परिवार चित्रकूट ने बंदी सुधार अभियान के तहत मंगलवार को जिला कारागार रगौली में ज्ञानवर्द्धक युग साहित्य  लाइब्रेरी...

ज्ञानवर्द्धक युग साहित्य लाइब्रेरी की जिला जेल में हुई स्थापना

चित्रकूट। अखिल विश्व गायत्री परिवार चित्रकूट ने बंदी सुधार अभियान के तहत मंगलवार को जिला कारागार रगौली में ज्ञानवर्द्धक युग साहित्य  लाइब्रेरी की स्थापना की। 

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गायत्री शक्तिपीठ व्यवस्थापक डॉ रामनारायण त्रिपाठी ने कहा कि सद्गुरु और सदसाहित्य ही सच्चे मित्र होते है। जो जीवन की हर राह पर ज्ञान का प्रकाश कर हमारा उद्धार करते हैं। इसी भाव से अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आज जिला कारागार में पुस्तकालय स्थापित किया गया है। जिसमें पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित विशेष पुस्तके हारिये न  हिम्मत, जिन्दगी हंसते खेलते हुए जियें, निराशा को पास न फटकने दे, विपत्तियों से डरिये नहीं जूझिये, गहना कर्मणोगति कर्म फल का सुनचित, शक्ति संचय के पथ पर, निर्भय बनें शान्त रहें, स्वर्ग नरक की स्वाचालित प्रक्रिया, समयदान ही युग धर्म है, गायत्री के प्रत्यक्ष चमत्कार, आगे बढने की तैयारी आदि पुस्तकों के साथ दुर्बुद्धि हटाकर सद्बुद्धि स्थापित करने  वाली पुस्तकों के साथ युग साहित्य की पुस्तकालय स्थापना की जा रही है।

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उन्होंने सभी बंदियों को साहित्य स्वाध्याय एवं गायत्री मंत्र लेखन से होने वाले अदभुत लाभों से अवगत कराया। उन्होंने बंदियों को नवरात्रि में साधना के नियमों की जानकारी देते हुए सभी को साधना के लिए प्रेरित किया। मध्य प्रदेश से पहुंचे बंदी साधना अभियान संयोजक प्रेमलाल कुशवाहा ने सभी बंदियों को एक-एक बुराई त्यागने एवं एक अच्छाई ग्रहण करने  का संकल्प दिलाया। उन्होंने बताया कि उनका यह 112 वां कार्यक्रम है। जिसमें 32 जेलों में  पुस्तकालय की स्थापना अभी तक की जा चुकी है। रामशरण कुशवाहा ने सभी बंदियों को नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति सचेत किया और नशे से दूर रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने उपस्थित भाई बहनों को नवरात्रि में साधना के नियम बताएं। साथ ही सभी को साधना करने के लिए प्रेरित किया। जेल अधीक्षक शशांक पांडेय ने कहा कि शासन द्वारा जेल में बंदियों के सुधार के लिए निरंतर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। गायत्री परिवार की यह पहल सराहनीय है। यहां आध्यात्मिक पुस्तकों के अध्ययन से बंदियों में सकारात्मक सोच का विकास होगा। साथ ही यहां से निकलने के बाद बंदी समाज में अच्छे कार्य करेंगे।

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इस मौके पर भवानीदीन यादव, कमलेश कुमार त्रिपाठी, रामशरण शास्त्री, बृजेश त्रिपाठी, प्रमोद पटेल, राजकुमार ओझा, सुधा तिवारी, निधि, सुधीर द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

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