झाँसी : महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर प्रकट दिवस का हुआ आयोजन

आदिकवि महर्षि वाल्मीकि के जन्मोत्सव (प्रकट दिवस) इलाइट चौराहा स्थित वाल्मीकि मंदिर, नगर निगम...

झाँसी : महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर प्रकट दिवस का हुआ आयोजन

महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण का आज भी हम सभी अनुसरण करते हैं: डॉ संदीप 

झांसी। आदिकवि महर्षि वाल्मीकि के जन्मोत्सव (प्रकट दिवस) इलाइट चौराहा स्थित वाल्मीकि मंदिर, नगर निगम, झांसी में महर्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव महासमिति के तत्वाधान में दो दिवसीय प्रकट दिवस का आयोजन किया गया।

इसी क्रम में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झांसी के प्रतिष्ठित समाजसेवी संघर्ष सेवा समिति अध्यक्ष डॉ० संदीप सरावगी का मंदिर प्रांगण में उपस्थित महर्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव महासमिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।

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स्वागत पश्चात आदिकवि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण ग्रंथ वाल्मीकि आश्रम अमृतसर से रेलवे स्टेशन से शोभायात्रा नगर निगम वाल्मीकि मंदिर पहुंची। जहां छड़ियों निशानों में विभिन्न पगड़ियों से शुसोभित संतों एवं गुरुओं का डॉ० संदीप एवं समिति पदाधिकारियों ने पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया गया।  इसके पश्चात अमृतसर से पधारे हुए गुरुओं एवं संतों ने बारी बारी से अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके पश्चात महर्षि वाल्मीकि का विधि विधान से पूजन अर्चन कर डॉ० संदीप एवं अन्य साधु संतों ने आरती की। घंटा, शंखनाद एवं घड़ियालों से गूंज उठा मंदिर प्रांगण।

इस दौरान मंदिर प्रांगण में उपस्थित लोगों ने जय महर्षि वाल्मीकि, जय श्री राम के नारे भी लगाए। आरती पश्चात लोगों को मंदिर के पुजारी द्वारा प्रसादी वितरण किया गया। इस अवसर पर डॉक्टर संदीप सरावगी ने कहा कि वाल्मीकि रामायण श्री राजा राम के चरित्र एवं रामराज्य साथ साथ उस समय का घटनाक्रम को  श्लोक के रूप में एवं काव्य में गाया गया है। आदि कभी महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण का अनुसरण हम सभी करते हैं, जहां हम सभी नए भारत का निर्माण कर रहे हैं तो वहीं आज भी वाल्मीकि समाज को लेकर कुछ लोगों की मानसिकता तनिक भी नहीं बदली। जिस प्रकार से भारत के यशवी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने वाल्मीकी समाज को सम्मानित करने का कार्य किया है, भारत में पहली बार 12 मार्च को किला स्थित मुक्त काशी मंच पर मेरे द्वारा 18 वाल्मिक कन्याओं के पैर धोकर उन्हें 90 लाख का इंश्योरेंस, नगद रुपए एवं उपहार देकर भाई के रूप में विदा किया। मेरे द्वारा उठाया गया ये सराहनीय कदम निश्चित ही लोगों की मानसिकता को बदलने का कार्य करेगा। अंत में महर्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव महान समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने डॉ संदीप को शॉल उड़ाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

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इस अवसर पर महर्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव महासमिति से उपाध्यक्ष महेश पहलवान सुनील करेरी चंद्र प्रकाश माते, विशेष सलाहकार चंद्रभान उस्ताद विकास पहलवान, कोषाध्यक्ष अरविंद पुजारी, सचिव अमर करोसिया, मानू कंजोलिया, अजय मेहरौलीया, सह- सचिव जितेंद्र कुमार, निर्मल पहलवान, आय- व्यय निरीक्षक राकेश गांचेले, उप मंत्री शंभू नरवारे, महेंद्र चौहान, मुकेश मट्टू, सोनू भगत,  सांस्कृतिक मंत्री किशन खलीफा, नरेश चौधरी, पप्पू अंसारिया, मीडिया प्रभारी नितिन देव, श्रीकांत, रवि भारती, शिवम सपेरे, राहुल, भंडारा प्रबंधक संजय भारती, कृष्ण खलीफा, विनोद महंत, प्रीतम करेड़े एवं संघर्ष सेवा समिति से जिलाध्यक्ष अजय राय, बसंत गुप्ता, राजू सेन, संदीप नामदेव, मिंटू वाल्मीक, नीलू रायकवार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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